चाणक्य नीति के अनुसार सांप के भीतर का विष यदि निकाल भी दिया जाए तब भी वो फुफकारना नहीं छोड़ता जिस कारण शत्रु उस पर हमला करने से पहले कई बार सोचता है। ठीक इसी प्रकार मनुष्य को भी मुश्किल समय आने पर कभी भी अपनी कमजोरी को किसी के सामने प्रकट नहीं करना चाहिए नहीं तो आपके विरोधी इस बात का फायदा उठाकर आपको परास्त करने में लग जाते हैं। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति दूसरों के सामने मजबूत नजर आता है उस पर शत्रु भी वार करने से डरते हैं।
वहीं जब आदमी किसी संकट से घिर जाता है तो अपने दुख को साझा करने के लिए उसे अपने करीबियों की जरूरत होती है क्योंकि उस वक्त व्यक्ति अपनी भावनाओं को संभाल नहीं पाता। लेकिन चाणक्य नीति के अनुसार बहुत से लोग आपकी इसी हालत का लाभ उठा सकते हैं। इसलिए कठिन समय में ध्यान रखें कि अपने मन की बात और अपनी परेशानियों को केवल उन्हीं लोगों के साथ बांटें जो आपके बहुत करीबी हों और आपको उन पर पूर्ण विश्वास भी हो क्योंकि ऐसे लोग ही आपकी मदद करते हैं। जिससे आपको मुश्किलों से लड़ने में विजय हासिल हो पाती है।
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