VASANT / Basant Panchami 2022 : वसंत पंचमी पर ज्ञान, वाणी और कला की देवी मां सरस्वती माता की पूजा की जाती है। हिंदू कैलेंडर में यह तिथि माघ के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आती है। ज्ञात हो कि इस दिन को सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि ज्ञान, वाणी और कला में रुचि वालों को नियमित रूप से सरस्वती माता की पूजी करनी चाहिए, वहीं विद्या अर्जित कर रहे बच्चों को भी इनकी पूजा अवश्य करनी चाहिए। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से कुछ खास लाभ भी मिलते हैं।
माना जाता है कि ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती का अवतरण माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ब्रह्माजी के मुख से हुआ था। इसी कारण मां सरस्वती की पूजा बसंत पंचमी के दिन की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन देवी माता सरस्वती की पूजा करने से वे जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।
देवी मां सरस्वती पूजा का शुभ समय हिंदी पंचांग के अनुसार साल 2022 (संवत्सर 2078) के माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत शनिवार, 05 फरवरी को सुबह 03:47 बजे से होगी, जो अगले दिन यानि रविवार को सुबह 03:46 बजे तक रहेगी। इस तिथि पर सरस्वती पूजा भी की जाती है और माना जाता है कि ऐसा करने से कॅरियर में सफलता मिलती है।
Must Read-सप्ताह का ये दिन है देवी मां सरस्वती का, जानें देवी मां से जुड़ी कुछ खास बातें संवत्सर 2078 (साल 2022) में बसंत पंचमी के दिन पूजन का मुहूर्त सुबह 07:07:21 बजे से लेकर दोपहर 12:35:21 तक है, वहीं इस दिन शाम 05 बजकर 42 मिनट तक सिद्ध योग भी है, जिसकी समाप्ति के साथ ही साध्य योग शुरू हो जाएगा। बसंत पंचमी के दिन रवि योग शाम 04:09 बजे से अगले दिन सुबह 07:06 बजे तक रहेगा। जानकारों के अनुसार शुभ मुहूर्त में पूजा करने से आप भी कॅरियर में सफलता पा सकते हैं।
Must read- Year 2022 Festival List: नए साल 2022 के व्रत, तीज व त्यौहार? जानें दिन व शुभ समयवसंत पंचमी पर भूलकर भी न करें ये गलतियां 1. वसंत पंचमी के दिन पीले रंग का विशेष महत्व माना गया है। यह रंग मां सरस्वती को प्रिय है। इसलिए इस दिन विद्या की देवी को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें। वसंत पंचमी के दिन रंग-बिरंगे कपड़े नहीं पहनने चाहिए, इसी कारण कहा जाता है कि इस दिन केवल पीले रंग के वस्त्र ही पहनने चाहिए।
2. मां सरस्वती की पूजा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके शुरू करने की मान्यता है। इसके अलावा किसी अन्य दिशा में मुख करके पूजा नहीं करनी चाहिए। इस दिन पूजा के दौरान मां सरस्वती को पीले या सफेद पुष्प अर्पित करने चाहिए।
3. सभी शुभ कार्यों के लिए वसंत पंचमी को अत्यंत शुभ मुहूर्त माना गया है। इस दिन से प्रकृति में बसंत ऋतु का सुंदर और नवीन वातावरण छा जाता है। इसलिए इस दिन पेड़ पौधों को भूलकर भी नहीं काटना चाहिए।
4. धार्मिक दृष्टि से वसंत पंचमी का पर्व ज्ञान और सुरों की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। ऐसे में वसंत पंचमी के दिन बिना स्नान किए भोजन नहीं करना चाहिए, मुमकिन हो तो इस दिन मां सरस्वती का व्रत भी करना चाहिए।