धर्म

Masik Shivratri January 2023: कब है नए साल की पहली मासिक शिवरात्रि, जान लें डेट और मुहूर्त

हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भक्त मासिक शिवरात्रि मनाते हैं। इस दिन भक्त पूजा पाठ कर भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। मान्यता है कि इस मासिक शिवरात्रि की पूजा से भगवान शिव भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं। अभी माघ महीना चल रहा है पूजा और जप तप का महीना है, इसलिए इस महीने की शिवरात्रि पर पूजा पाठ का महत्व और भी बढ़ जाता है।

Jan 15, 2023 / 08:22 pm

Pravin Pandey

masik shivratri

Masik Shivratri 2023 Date: कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। यह मासिक शिवरात्रि 2023 की पहली मासिक शिवरात्रि है। इससे पहले पौष महीने में दिसंबर में मासिक शिवरात्रि पड़ी थी। नव वर्ष 2023 की पहली मासिक शिवरात्रि शुक्रवार 20 जनवरी को पड़ रही है। इस दिन रात में माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा की जाती है।
Masik Shivratri Mhurt: प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय के अनुसार मासिक शिवरात्रि यानी माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की शुरुआत 20 जनवरी सुबह 10.14 बजे से हो रही है और यह तिथि 21 जनवरी को सुबह 6.32 पर संपन्न होगी। चूंकि मासिक शिवरात्रि पर रात में पूजा होती है, इसलिए माघ कृष्ण चतुर्दशी की पूजा 20 जनवरी को ही होगी। वर्ष 2023 की पहली मासिक शिवरात्रि व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 20 जनवरी की रात 11.53 बजे से अगले दिन सुबह 12.47 AM तक हो सकेगी।
मासिक शिवरात्रि का महात्म्यः मान्यता है कि विधि विधान से व्रत रख इस दिन शिव की पूजा करने से अनंत शिव भक्तों को अनंत फल देते हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप और रात्रि जागरण कर शिव का ध्यान करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती हैं। वहीं शिवरात्रि का व्रत मोक्षदायी भी है। साथ ही शिव पूजा सभी पापों का क्षय करने मानी जाती है। इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव भी खत्म होता है।
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ऐसे करें मासिक शिवरात्रि पूजा विधि (masik shivratri puja vidhi): प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय के अनुसार माघ माह की मासिक शिवरात्रि यानी माघ कृष्ण चतुर्दशी अत्यधिक विशिष्ट होती है। मासिक शिवरात्रि के दिन ऐसे पूजा करनी चाहिए।

1. सुबह जल्दी उठकर स्वच्छ वस्त्र पहनकर मंदिर में दीप जलाएं।
2. शिवजी का जल, गंगाजल और दूध आदि से अभिषेक करें।
3. भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
4. ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
5. भगवान भोलेनाथ को सात्विक चीजों का भोग लगाएं, आरती करें।
6. पूजा में त्रुटि के लिए माफी जरूर मांगना चाहिए।

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