2. कोई भी गलत मनोकामना न मांगें
नंदी के कान में कभी भी किसी की बुराई या अहित करने की इच्छा न जाहिर करें क्योंकि माना जाता है कि इससे भोलेनाथ नाराज हो सकते हैं।
3. शिव जी की पूजा के बाद जरूर करें नंदी की पूजा
भगवान शिव की पूजा के बाद नंदी जी की पूजा करने का विधान है। इसलिए शिवशंभु की पूजा के पश्चात नंदी के समक्ष भी दीपक जलाकर आरती करें। फिर सीधा किसी से बिना कुछ कहे अपने मन की बात नंदी के कान में कह दें। बिना नंदी की पूजा किए शिव भगवान की पूजा संपूर्ण नहीं होती।
क्या है इससे जुड़ी मान्यता: ग्रंथों के अनुसार माना जाता है कि भगवान शिव सदा ही अपनी तपस्या ने लीन रहते थे और उनकी तपस्या भंग न हो इसलिए भक्तजन अपनी मनोकामना नंदी जी को बताकर चले जाते थे। चूंकि नंदी की कानों में पड़ी बात ही शिव भगवान तक पहुंचती थी इसलिए तब से ही अपनी मन की इच्छा शीघ्र भोलेनाथ तक पहुंचाने के लिए नंदी की कान में मन की बात कही जाने लगी।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)
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