धर्म और अध्यात्म

क्यों पड़ी नई मूर्ति की जरूरत, कहां रखेंगे रामलला की पुरानी प्रतिमा, जानें बड़ा अपडेट

22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की शुभ घड़ी आ चुकी है। अयोध्या में आज रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है। रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह 16 जनवरी से शुरू कर दिया गया था। गर्भगृह में रामलला की मूर्ति की विधिवत स्थापना सोमवार को होगी। रामलला की मूर्ति स्थापित करने का सबसे शुभ समय महज 84 सेकेंड का है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार 22 जनवरी को यह मुहूर्त 12.29.8 बजे से शुुरू होगा और 12.30.32 बजे तक रहेगा। इस बीच रामलला की पुरानी मूर्ति पर भी बड़ा अपडेट सामने आया है।

Jan 22, 2024 / 11:27 am

deepak deewan

रामलला की पुरानी मूर्ति पर भी बड़ा अपडेट सामने आया

अयोध्या में आज रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की शुभ घड़ी आ चुकी है। रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह 16 जनवरी से शुरू कर दिया गया था। गर्भगृह में रामलला की मूर्ति की विधिवत स्थापना सोमवार को होगी। रामलला की मूर्ति स्थापित करने का सबसे शुभ समय महज 84 सेकेंड का है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार 22 जनवरी को यह मुहूर्त 12.29.8 बजे से शुुरू होगा और 12.30.32 बजे तक रहेगा। इस बीच रामलला की पुरानी मूर्ति पर भी बड़ा अपडेट सामने आया है।

भगवान राम के नए भव्य मंदिर में सोमवार को रामलला की प्राण.प्रतिष्ठा समारोह पूर्वक की जाएगी। मंदिर के लिए रामलला की नई और विशाल मूर्ति तैयार की गई है। 51 इंच की इस मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित भी कर दिया गया है। रामलला की इस नई मूर्ति की ही आज प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है।

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कई लोगों के मन में प्रश्न उठ रहा है कि रामलला की पुरानी मूर्ति का क्या होगा! इसके अलावा यह भी पूछा जा रहा है कि जब मूर्ति पहले से ही विद्यमान थी तो आखिरकार रामलला की नई मूर्ति की जरूरत ही क्यों पड़ी! श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इन सभी बातों का स्पष्टीकरण भी दिया हैै।

दरअसल राम लला की मूल मूर्ति को भी नए राम मंदिर में स्थानांतरित किया गया है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राम लला की मूल यानि पुरानी मूर्ति को भी नए मंदिर में ही रखा जाएगा। नई मूर्ति के साथ ही गर्भ गृह में रामलला की पुरानी मूर्ति भी रखी जाएगी। इतना ही नहीं, पुरानी मूर्ति के लिए मंदिर में प्रमुख स्थान चुना गया है। ट्रस्ट के पदाधिकारियों के अनुसार पुरानी मूर्ति, रामलला की नई मूर्ति के ठीक सामने रखी जाएगी।

पुरानी मूर्ति छोटी होने से बनवानी पड़ी नई और बड़ी मूर्ति
पुरानी मूर्ति के होते हुए रामलला की नई मूर्ति बनवाने की जरूरत पड़ने की वजह भी सामने आई है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार भव्य नए मंदिर के लिए रामलला की पुरानी मूर्ति आनुपातिक रूप से बहुत छोटी है। पुरानी मूर्ति की ऊंचाई महज करीब छह इंच है जबकि नया मंदिर बहुत बड़ा बना है।

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रामलला की पुरानी मूर्ति इतनी छोटी है कि महज 27-28 फीट दूर से भी नजर नहीं आती है। यही कारण है कि नए मंदिर के लिए रामलला की बड़ी मूर्ति की जरूरत पड़ी। हालांकि सभी को रामलला की मूल मूर्ति का महत्व भी मालूम है। इसलिए पुरानी या मूल मूर्ति को भी नए मंदिर में नई मूर्ति के साथ रखा जाएगा। रामलला की पुरानी मूर्ति नई मूर्ति के ठीक सामने स्थापित की जा रही है।

बता दें कि नए मंदिर में विराजित करने के लिए भगवान राम की तीन मूर्तियां बनवाई गई थीं। इनमें से जिस मूर्ति को प्राण प्रतिष्ठा के लिए चुना गया, उसे नए मंदिर के गर्भगृह में आसन पर रखवा दिया गया। गर्भगृह में स्थापित रामला की यह मूर्ति मैसूर के विख्यात मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है। रामलला की यह मूर्ति 51 इंच की है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार रामलला की तैयार करवाई शेष दोनों मूर्तियों को भी मंदिर में ही रखा जाएगा। एक मूर्ति रामलला के वस्त्र और आभूषण आदि की माप के काम भी आएगी।

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