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शनि साढ़े साती की चपेट में हैं मकर राशि वाले, जानिए कब मिलेगी इन्हें शनि की महादशा से मुक्ति?

Shani Mahadasha On Makar Rashi: शनि वर्तमान में मकर राशि में ही विराजमान हैं। लेकिन 29 अप्रैल से ये कुंभ राशि में गोचर करने लगेंगे। इस राशि में शनि के प्रवेश करते ही मकर वालों पर शनि साढ़े साती का आखिरी चरण शुरू हो जाएगा और जब शनि मीन राशि में प्रवेश करेंगे तो इस राशि वालों को शनि के प्रकोप से मुक्ति मिल जाएगी।

Jan 16, 2022 / 10:57 am

Laveena Sharma

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शनि साढ़े साती की चपेट में हैं मकर राशि वाले

Shani Sade Sati On Makar Rashi: शनि साढ़े साती के तीन चरण होते हैं। हर चरण की अवधि ढाई साल की होती है। पहले चरण में शनि देव व्यक्ति को मानसिक और आर्थिक कष्ट देते हैं, दूसरे चरण में व्यक्ति चारों तरफ से परेशानियों से घिर जाता है और तीसरे चरण में कष्ट थोड़े कम होने लगते हैं। इस चरण में शनि देव व्यक्ति को सही मार्ग पर लाने का काम करते हैं। 29 अप्रैल में जब शनि अपनी राशि बदलेंगे तो मकर राशि वालों पर शनि साढ़े साती का आखिरी चरण शुरू हो जाएगा। जानिए कब मिलेगी इस राशि वालों को शनि की इस महादशा से मुक्ति।
मकर वालों पर कब खत्म होगी शनि साढ़े साती? 29 अप्रैल से मकर राशि वालों पर शनि साढ़े साती का आखिरी चरण शुरू हो जाएगा। ये चरण बाकी दोनों चरणों से कम कष्टदायी होता है। क्योंकि इस चरण में शनि साढ़े साती उतरने लगती है। हालांकि इस चरण में भी व्यक्ति को सतर्क रहने की जरूरत होती है। लेकिन इस चरण में शनि देव व्यक्ति को उसकी भूल सुधारने का मौका देते हैं और सही रास्ता दिखाते हैं। अगर व्यक्ति सही रास्ते पर आकर सही दिशा में काम करना शुरू कर दे तो इस चरण में व्यक्ति को कुछ न कुछ लाभ भी प्राप्त हो सकता है। बता दें शनि मकर राशि के स्वामी ग्रह भी हैं जिस कारण इस राशि के लोगों पर शनि की विशेष कृपा रहती है।

किन पर रहेगा शनि साढ़े साती का पहला और दूसरा चरण? अब यहां ये भी जान लें कि शनि के राशि बदलते ही किस राशि पर शनि साढ़े साती का पहला और किस पर दूसरा चरण शुरू होगा। तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 29 अप्रैल से मीन राशि वालों पर शनि की इस महादशा का पहला चरण प्रारंभ होगा और कुंभ वालों पर दूसरा चरण।
शनि साढ़े साती के उपाय: शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन भगवान शनि देव की विधिवत पूजा करनी चाहिए। हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। शनि ग्रह मंत्र को 80,000 बार सुशोभित करें। दायें हाथ की बीच वाली उंगली में लोहे की अंगूठी पहनें। जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र आदि का दान करें। रोजाना “शनि स्तोत्र” का पाठ करें।
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