इसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। बताया गया है कि खास दिन किस दिशा में यात्रा करना ठीक है या नहीं और दिशाशूल के दिन यात्रा करना जरूरी हो तो उसके लिए क्या उपाय किया जाय ताकि यात्रा सुखद और आरामदायक रहे।
ये भी पढ़ेंः खरमास की कथा, जानें क्यों माना जाता है इस माह को अशुभ किस दिशा में किस दिन दिशाशूलः प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय के मुताबिक सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से दिशाशूल लगता है।
वहीं पश्चिम दिशा में रविवार और शुक्रवार को दिशाशूल लगता है। आचार्य प्रदीप के मुताबिक गुरुवार को दक्षिण दिशा में जाने पर दिशाशूल लगता है, जबकि मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा में जाने पर दिशाशूल लगता है। यह भी कहा जाता है कि रविवार, गुरुवार और शुक्रवार के दोष रात में प्रभावी नहीं होते, जबकि सोम मंगल शनि के दोष दिन में प्रभावी नहीं होते। लेकिन बुधवार के दिशाशूल से बचना चाहिए। हालांकि एक ही दिन में कहीं जाकर लौटना हो तो दिशाशूल देखने की जरूरत नहीं होती।
ये भी पढ़ेंः मेष राशिफल 2023: मेष राशि के लोगों के लिए कैसा रहेगा आने वाला साल दिशाशूल से बचने के उपायः आचार्य प्रदीप के मुताबिक अगर दिशाशूल के दिन यात्रा करना जरूरी ही हो तो रविवार को पान या घी खाकर, सोमवार को आईना देखकर या दूध पीकर, मंगल को गुड़ खाकर, बुधवार को धनिया या तिल खाकर, गुरुवार को जीरा या दही खाकर, शुक्रवार को दही पीकर, शनिवार को अदरक या उड़द खाकर यात्रा शुरू की जा सकती है।