शुक्र ग्रह के उदय होने से विवाह आदि के लिए इंतजार कर रहे लोगों को 2 से 16 जुलाई तक लगातार शुभ मुहूर्त मिलेंगे। इसके चलते जिनके विवाह तय हो चुके हैं, उन्होंने तैयारियां आरभ कर दी हैं। इसके बाद फिर 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी के बाद चार माह तक विवाह नहीं होंगे। ज्योतिषाचार्य जनार्दन शुक्ला ने बताया कि शुक्र ग्रह का उदय 29 जून की रात 9.34 बजे पश्चिम दिशा में होगा। इसके बाद जुलाई में 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16 जुलाई (15 दिन) तक लगातार विवाह के शुभ मुहूर्त हैं।
मैरिज गार्डन, बारातघर के संचालकों के अनुसार जुलाई में विवाहों के आयोजन के लिए शहर के 150 मैरिज गार्डन और करीब 200 हाल तैयार हैं। वर्षा के चलते इन मैरिज गार्डन व बारातघरों को 500 से अधिक बुकिंग मिली हैं। वर्षा को देखते हुए गार्डनों की विद्युत साज-सज्जा व आर्टिफिशियल फूलों से सजावट की जा रही है। इसके साथ ही लोगों ने बरसात के लिहाज से मैरिज गार्डनों की सजावट कराने के आर्डर दिए हैं।
विवाह के लिए गुरु, शुक्रोदय जरूरी ज्योतिषाचार्यों के अनुसार विवाह के लग्न मुहूर्त देखते समय गुरु और शुक्र ग्रह का अच्छी स्थिति में होना जरूरी होता है। इनमें से एक भी ग्रह अस्त होने या खराब स्थिति में होने पर उस तिथि में विवाह का मुहूर्त नहीं बनता है। देवगुरु बृहस्पति और शुक्र देव को विवाह के लिए कारक माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु और शुक्र ग्रह मजबूत स्थिति में होते हैं तो जल्द शादी के योग बनते हैं। इन दोनों ग्रहों के कमजोर होने पर विवाह में बाधा आने लगती है। यह भी माना जाता है कि गुरु और शुक्र तारा के अस्त होने पर विवाह नहीं किया जाता है। इस बार गुरु ग्रह 3 मई को अस्त हुए थे। इसके चलते ये सभी मांगलिक कार्य नहीं हो रहे थे। गुरु ग्रह 2 जून को उदय हो चुके हैं। वहीं शुक्र ग्रह 29 अप्रेल को अस्त हुए थे। 29 जून को शुक्रोदय होगा। इसके बाद शुक्र की बाल्यावस्था समाप्त होने पर 2 जुलाई से विवाह आरभ हो जाएंगे।