धार्मिक ग्रंथों के अनुसार माता सरस्वती को पीला और सफेद रंग प्रिय है। इसके साथ ही सफेद रंग पवित्रता और पीला रंग सकारात्मकता का प्रतीक है, जिसको जुड़ाव माता सरस्वती से माना जाता है। दोनों रंग शुभ भी माने जाते हैं, इसलिए वसंत पंचमी के दिन लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं (things related to Ma Saraswati meaning)।
माता सरस्वती का वाहन
कई लोग इनका वाहन मोर भी मानते हैं, ये माता की सुंदर रूप और नृत्य का प्रतीक है। अक्सर माता सरस्वती को किसी नदी किनारे बैठा दिखाया जाता है, जो इनका संबंध नदी से होना बताता है। मोर यह भी सिखाता है कि हमें बाहरी सुंदरता से अधिक सत्य और आंतरिक सुंदरता पर ध्यान देना चाहिए।
ये भी पढ़ेंः Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर दुर्लभ संयोग, जान लें डेट
माता का सिंहासनः माता सरस्वती को सफेद और हल्के गुलाबी रंग के कमल के फूल पर बैठा हुआ दिखाया जाता है। इसकी वजह है कि कमल सर्वोच्च ज्ञान का प्रतीक है, यह पवित्रता और नकारात्मकता से दूरी बनाने का भी संदेश देता है।
माता का सिंहासनः माता सरस्वती को सफेद और हल्के गुलाबी रंग के कमल के फूल पर बैठा हुआ दिखाया जाता है। इसकी वजह है कि कमल सर्वोच्च ज्ञान का प्रतीक है, यह पवित्रता और नकारात्मकता से दूरी बनाने का भी संदेश देता है।
माता का चित्रः माता सरस्वती की प्रतिमा शैक्षणिक संस्थानों में जरूर देखने को मिलती है। इसमें उनके हाथ में वीणा, पुस्तक, माला आदि दिखाई देता है। इसमें से वीणा बुद्धि और सद्भाव का प्रतीक है। इसके अलावा यह संगीत, नृत्य और कला के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है।