शनि प्रदोषः पं. हनुमान सेतु का कहना है कि वैसे तो महाशिवरात्रि ही बहुत ही शुभ दिन होता है। इस दिन करूणावतार शिव भक्त का मंगल करते हैं। लेकिन 18 फरवरी को पड़ रही महाशिवरात्रि 2023 शनि प्रदोष के दिन पड़ रही है। इस दिन पूजा अर्चना से भगवान शिव के साथ शनि भी प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा शनिवार को शिव की पूजा से अनिष्टकारी ग्रह राहु, केतु भी शांत होते हैं, जिससे भक्त की विपरीत परिस्थितियां अनुकूल होने लगती हैं।
शनि और सूर्य की युतिः इसके अलावा इस महाशिवरात्रि पर दंडाधिकारी शनि और ग्रहों के राजा सूर्य एक ही राशि कुंभ में है, दोनों में पिता-पुत्र का भी संबंध है। इसके कारण इनसे संबंधित राशियों वाले लोगों को अनुकूल लाभ होंगे। ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय का कहना है कि इस शिवरात्रि पूजा-अर्चना से शनि पीड़ा निवारण भी होगा।
इसके अलावा महाशिवरात्रि के दिन अलग-अलग समय पर केदार, शंख, शशक राजयोग, वरिष्ठ, हंस राजयोग, निशीथकाल और सर्वार्थ सिद्धि जैसे शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। जिन लग्न में राजयोग बन रहे हैं उस लग्न में पूजा विशेष फलदायी है।
रूद्राभिषेक का विशेष महत्व वहीं प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय का कहना है कि अरसे बाद महाशिवरात्रि पर इतने शुभ योग बन रहे हैं कि इस दिन भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है। इस दिन रूद्राभिषेक से प्रभु की कृपा पाई जा सकती है। महाशिवरात्रि पर रूद्राभिषेक का विशेष महत्व है।