धीरे-धीरे जनमानस उनके पास आने लगा और आनंद पाने लगा। वे मन की बातें जान लेते थे। उन्होंने वृंदावन में भी चार वर्ष मचान पर तपस्या की थी। इन्होंने 19 जून 1990 को योगिनी एकादशी को वृंदावन में अपना प्राण त्यागा था। कुछ लोगों का कहना है कि वे 900 साल जीवित रहे तो कुछ 500 साल और ढाई सौ साल उनकी आयु बताते हैं।
देश के दिग्गज राजनेता देवरहा बाबा के भक्त थे और उनके आशीर्वाद के लिए चरणों में शीश नवाने पहुंचते थे। इसमें डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, महामना मदन मोहन मालवीय, पुरुषोत्तमदास टंडन, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी जैसी विभूतियां शामिल थीं। इसके अलावा मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव और कमलापति त्रिपाठी भी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए बाबा के पास पहुंचते थे।
ये भी पढ़ेंः इन तारीखों में जन्मे लोगों की लव लाइफ प्रायः होती है असफल, व्यक्तित्व की ये होती है खासियत
नीम करौली बाबा की ही तरह देवरहा बाबा के चमत्कार भी भक्तों में खूब प्रचलित हैं। बाबा के भक्तों का कहना है बाबा पास आने वाले हर व्यक्ति से प्रेम से मिलते थे और कुछ न कुछ प्रसाद देते थे। इसके लिए देवरहा बाबा अपना हाथ ऐसे ही मचान के खाली भाग में रखते थे और उनके हाथ में फल, मेवे या कुछ अन्य खाद्य पदार्थ आ जाते थे, जबकि मचान पर कोई भी वस्तु नहीं रहती थी। भक्तों का तो यह भी कहना है कि वह खेचरी मुद्रा में कहीं भी चले जाते थे और चले आते थे। लोगों का यह भी कहना है कि देवरहा बाबा जल पर चलते थे।
नीम करौली बाबा की ही तरह देवरहा बाबा के चमत्कार भी भक्तों में खूब प्रचलित हैं। बाबा के भक्तों का कहना है बाबा पास आने वाले हर व्यक्ति से प्रेम से मिलते थे और कुछ न कुछ प्रसाद देते थे। इसके लिए देवरहा बाबा अपना हाथ ऐसे ही मचान के खाली भाग में रखते थे और उनके हाथ में फल, मेवे या कुछ अन्य खाद्य पदार्थ आ जाते थे, जबकि मचान पर कोई भी वस्तु नहीं रहती थी। भक्तों का तो यह भी कहना है कि वह खेचरी मुद्रा में कहीं भी चले जाते थे और चले आते थे। लोगों का यह भी कहना है कि देवरहा बाबा जल पर चलते थे।
बाबा की सेवा करने वाले एक भक्त का कहना है कि वे 30 मिनट तक पानी में बिना सांस लिए रह सकते थे और उनको जानवरों की भाषा समझ में आती थी। खतरनाक जंगली जानवरों को पल भर में काबू कर लेते थे। उनका निर्जीव वस्तुओं पर नियंत्रण था। लोग इन्हें अवतारी पुरुष मानते हैं। लोगों का यह भी कहना है कि लोग उनकी तस्वीर कैमरे से खींचना चाहते थे लेकिन तस्वीर नहीं बनती थी।