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काशी में मरने वाले के कान में शिवजी देते हैं इस मंत्र का उपदेश, जानिए जीवनकाल में जप के क्या हैं फायदे

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार काशी में मरने वाले व्यक्ति को मृत्यु के समय भगवान शिव उपदेश देते हैं, जिससे उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आदि गुरु शिव कौन सा मंत्र देते हैं, जिससे मानव जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है तो आइये जानते हैं…

Aug 24, 2023 / 02:55 pm

Pravin Pandey

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तारक मंत्र

क्या है मोक्ष
सनातन धर्म (हिंदू धर्म) के अनुसार जीव जन्म के बाद अपने कर्म के अनुसार फल भोगते हुए एक योनि से दूसरी योनि में भ्रमण करता है और 84 लाख योनियों के बाद फिर मनुष्य शरीर प्राप्त करता है और उसकी यह यात्रा चलती रहती है, जब तक की वह मोक्ष (जन्म-मरण चक्र से मुक्ति) नहीं प्राप्त कर लेता।

इसी में सात सप्त पुरियां (नगर) अयोध्या, मथुरा, माया (हरिद्वार), काशी, कांची (कांचीपुरम, तमिलनाडु), अवंतिका (उज्जैन) और द्वारिका गिनाईं गईं हैं, जहां जन्म के बाद लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस संबंध में ज्योतिर्मठ बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि काशी के अलावा बाकी पुरियों में जन्म लेने पर पहले मानव को काशी में जन्म मिलता है फिर उसे मोक्ष मिलती है। लेकिन क्या आपको पता है कि काशी में जन्म लेने वाले को क्यों मिलता है मोक्ष.. आइये जानते हैं…

काशी का महिमा
वेदों के अनुसार प्राचीन काशी (सृष्टि की आदि स्थली, वरुणा और असी नदी के बीच का स्थान) जहां विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग अवस्थित है। इस नगरी का प्रलयकाल में भी लोप नहीं होता, इस समय भगवान शंकर इसे अपने त्रिशूल पर धारण कर लेते हैं और सृष्टि के प्रकट होने पर पुनः पूर्ववत स्थापित कर देते हैं। यहां भगवान शंकर मृत्यु प्राप्त करने वाले जीव के अंतकाल में तारक मंत्र का उपदेश देते हैं, जिससे जीव भवसागर की सभी बाधाओं को प्राप्त करता है और उसे मुक्ति प्राप्त हो जाती है।
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क्या है शिवजी द्वारा दिया जाने वाला तारक मंत्र
आचार्यों, धर्म के विद्वानों के अनुसार ज्ञान के बिना मुक्ति नहीं मिल सकती, लेकिन काशी शिव की नगरी है। इसलिए यहां मरने वाले व्यक्ति को अंतकाल में दाएं कान में भगवान शिव तारक मंत्र का उपदेश देते हैं। राम नाम के इस तारक मंत्र के ज्ञान से ही जीव को मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि इससे यहां मरने वाले का दायां कान ऊंचा हो जाता है।
यह राम नाम महामंत्र स्वयं महेश्वर भी जपते हैं। अध्यात्म रामायण में भगवान श्री राम की स्तुति करते हुए भगवान शंकर ने कहा है कि जीवों की मुक्ति के लिए आपका ‘राम’ नाम रूपी जो स्तवन है अंत समय में मैं इसे उन्हें सुना देता हूं जिससे उन जीवों की मुक्ति हो जाती है। उन्होंने कहा है कि ‘अहं हि काश्यां…दिशामि मंत्रं तव राम नाम।’ वे आगे कहते हैं कि अंत समय में राम कहने से वह फिर जन्मता-मरता नहीं।
सुख सौभाग्य की प्राप्ति का मंत्र
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान राम के तारक मंत्र के उपदेश से मोक्ष प्राप्ति तो होती ही है, लेकिन जो व्यक्ति अपने जीवन काल में इस तारक मंत्र को जपता उसे सुख सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है। इस मंत्र के ध्यान और जाप से संसार की ऐसी कोई कामना नहीं है, जो पूरी न हो। आइये जानते हैं भगवान राम के प्रमुख मंत्र..
श्री राम बीज मंत्र
“राम”

श्री राम तारक मंत्र (संक्षेप में)
ॐ जानकीकांत तारक रां रामाय नमः॥

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भगवान श्री राम का तारक मंत्र (विस्तृत मंत्र)
श्री राम, जय राम, जय जय राम !! ‘श्री राम जय राम जय जय राम’।


राम राम राम राम नाम तारकम्राम कृष्ण वासुदेव भक्ति मुक्ति दायकम् ॥
जानकी मनोहरम सर्वलोक नायकम् जानकी मनोहरम सर्वलोक नायकम् ॥
शङ्करादि सेव्यमान पुण्यनाम कीर्तनम् शङ्करादि सेव्यमान पुण्यनाम कीर्तनम् ॥
राम राम राम राम नाम तारकम्राम कृष्ण वासुदेव भक्ति मुक्ति दायकम् ॥


वीरशूर वन्दितं रावणादि नाशकम् वीरशूर वन्दितं रावणादि नाशकम् ॥
आञ्जनेय जीवनाम राजमन्त्र रुपकम् आञ्जनेय जीवनाम राजमन्त्र रुपकम् ॥
राम राम राम राम नाम तारकम्राम कृष्ण वासुदेव भक्ति मुक्ति दायकम् ॥

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