शारदीय नवदुर्गा उत्सव कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना कर देवों, माता जगदंबा का आवाहन किया जाता है। साथ ही नवरात्रि के इस दिन ही माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। 15 अक्टूबर को शुरू हो रही शारदीय नवरात्रि में माता दुर्गा की कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11.44 बजे से दोपहर 12. 30 बजे तक है। इस करीब पौन घंटे माता जगदंबा के आवाहन के लिए महत्वपूर्ण है।
ये हैं महत्वपूर्ण तिथियां
वैसे तो हर महीने दो बार अष्टमी तिथि पड़ती है, लेकिन नवदुर्गा पूजा की अष्टमी महाष्टमी और दुर्गा अष्टमी के नाम से जानी जाती है। शारदीय नवरात्रि की दुर्गा अष्टमी तिथि 22 अक्टूबर को पड़ रही है। दुर्गा अष्टमी पर माता जगदंबा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है और कन्याओं का पूजन कर हवन करते हैं। कुछ लोग महानवमी पर भी कन्या पूजन करते हैं और यह 23 अक्टूबर सोमवार को पड़ रही है।
कब है विजयादशमी 2023
नवरात्रि के बाद पड़ने वाली दशमी को भारत में विजयादशमी यानी असत्य पर सत्य की जीत के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और इसके बाद दीपावली के दिन अयोध्या लौटे थे। इस साल विजयादशमी उत्सव 24 अक्टूबर मंगलवार को मनेगी। इसी दिन नवरात्रि का पारण भी होगा। दशहरा के दिन ही भारत में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों को जलाने की परंपरा निभाई जाती है। इसी के साथ घरों में खुशियां मनाई जाती है, कई जगह झांकियां सजाई जाती हैं। सभी अंचल में अलग-अलग तरीके पकवान बनाए जाते हैं।
शारदीय नव दुर्गा उत्सव कैलेंडर |
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