इसी दिन पूर्णिमा तिथि पर मृत्यु प्राप्त करने वाले लोगों का महालय श्राद्ध भी होता है। यह दिन पितरों की विदाई का दिन होता है। इसे पितृ विसर्जन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस साल सर्व पितृ अमावस्या 2 अक्टूबर 2024 को है।
लौट जाएंगे पितर
हिन्दू पंचांग के अनुसार अश्विन मास की अमावस्या पितृ अमावस्या, अश्विन अमावस्या, बड़मावस, दर्श अमावस्या भी कहलाती है। यह अमावस्या पितरों के लिए मोक्षदायनी अमावस्या मानी जाती है। इसलिए पितृ पक्ष में सर्व पितृ अमावस्या को सबसे अधिक महत्वपूर्ण तिथि माना जाता है। इस दिन श्राद्ध पक्ष समाप्त होता है और पितृ लोक से आए हुए पितृजन अपने लोक लौट जाते हैं।
इन तीन शुभ संयोग में होगा श्राद्ध
पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन ब्राह्मण भोजन और दान आदि से पितृजन तृप्त होते हैं और जाते समय अपने पुत्र, पौत्रों और परिवार को आशीर्वाद देकर लौटते हैं। इस साल सर्वपितृ अमावस्या पर दुर्लभ ब्रह्म योग, सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। इन योग में पितरों की पूजा करने से व्यक्ति विशेष पर पूर्वजों की विशेष कृपा बरसेगी। इसके अलावा इस दिन दिन उत्तराफाल्गुनी और हस्त नक्षत्र का शुभ संयोग भी बन रहा है।
कब शुरू हो रही है सर्व पितृ अमावस्या
अश्विन अमावस्या का आरंभः 01 अक्टूबर मंगलवार 2024 को रात 09:39 बजे
अश्विन अमावस्या का समापनः 03 अक्टूबर गुरुवार 2024 को रात 12:18 बजे
उदया तिथि में सर्व पितृ अमावस्याः 02 अक्टूबर बुधवार 2024
पितरों के श्राद्ध का समयः सुबह 11:36 बजे से 12:24 बजे तक नोटः कुछ कैलेंडर में रौहिण मुहूर्त दोपहर 12:24 बजे से दोपहर 01:21 बजे और अपराह्न काल दोपहर 01:21 बजे से 03:43 बजे तक भी श्राद्ध की सलाह दी गई है।
ब्रह्म योग
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डॉ. अनीष व्यास के अनुसार अश्विन अमावस्या पर दुर्लभ ब्रह्म योग का संयोग है। इस योग का समापन 03 अक्टूबर को देर रात 03:22 बजे होगा। ज्योतिष ब्रह्म योग को शुभ मानते हैं। इस योग में पूजा-उपासना करने से दोगुना फल प्राप्त होता है। इस समय पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों की आत्मा को अवश्य शांति मिलती है।
सर्वार्थ सिद्धि योग
सर्वपितृ अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी शुभ संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 12:23 बजे से हो रहा है और सर्वार्थ सिद्धि योग का समापन 03 अक्टूबर को सुबह 06:15 बजे होगा। सर्वार्थ सिद्धि योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। इस दिन उत्तराफाल्गुनी और हस्त नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है।
Shradh: धर्म और आध्यात्म से संबंधित और खबरों के लिए यहां क्लिक करें श्राद्ध में पितृ शांति के लिए जरूर करें यह काम, पीड़ित पितरों को मिल जाएगा मोक्ष पितृ पक्ष में श्राद्ध का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि इस पखवाड़े में पितृ संबंधी काम से पितरों को शांति मिलती है। लेकिन आइये जानते हैं
पितरों के मोक्ष के लिए किस काम को नहीं भूलना चाहिए … श्राद्ध में भूलकर भी इन लोगों को न बुलाएं, पितृ हो जाएंगे नाराज, जानें सर्व पितृ अमावस्या पर क्या करें और क्या न करें पितृ पक्ष में पितरों की प्रसन्नता और मुक्ति के लिए श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। इसी के तहत ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन कराया जाता है। लेकिन धार्मिक ग्रंथों में कुछ ऐसे लोग बताए गए हैं,
जिन्हें श्राद्ध कर्म में नहीं बुलाना चाहिए,