इसीलिए माता-पिता आज के दिन शिशु को माता सरस्वती के आशीर्वाद के साथ विद्या आरम्भ कराते हैं। इसलिए सभी विद्यालयों में आज के दिन सुबह के समय माता सरस्वती की पूजा की जाती है। यह अबूझ मुहूर्त भी होता है, यानी सभी शुभ और नए कार्यों की शुरुआत के लिए यह दिन उत्तम होता है। इसलिए इस दिन शादी विवाह भी किए जाते हैं।
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला.. देवी सरस्वती को समर्पित प्रसिद्ध स्तुति है जो सरस्वती स्तोत्रम का एक अंश है। इस सरस्वती स्तुति का पाठ वसन्त पंचमी को करने से माता सरस्वती का आशीर्वाद मिलता है।
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥1॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥2॥ सरस्वती पूजा में पढ़ें ये मंत्र
1. सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम:।
वेद वेदान्त वेदांग विद्यास्थानेभ्य एव च।।
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने।
विद्यारूपे विशालाक्षी विद्यां देहि नमोस्तुते।।
3. ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।
4. सरस्वती गायत्री मंत्र : ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।
5. नमस्ते शारदे देवी, काश्मीरपुर वासिनी,
त्वामहं प्रार्थये नित्यं, विद्या दानं च देहि में,
कंबू कंठी सुताम्रोष्ठी सर्वाभरणंभूषिता,
महासरस्वती देवी, जिव्हाग्रे सन्नी विश्यताम् ।।
शारदायै नमस्तुभ्यं , मम ह्रदय प्रवेशिनी,
परीक्षायां समुत्तीर्णं, सर्व विषय नाम यथा।।
6. सरस्वती ध्यान मंत्र
ॐ सरस्वती मया दृष्ट्वा, वीणा पुस्तक धारणीम् ।
हंस वाहिनी समायुक्ता मां विद्या दान करोतु में ॐ ।।
7. सरस्वती मंत्र विद्यार्थियों के लिए
सरस्वति नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि ।
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा ॥
8. महासरस्वती मंत्र
ॐ ऐं महासरस्वत्यै नमः |
9. सरस्वती मंत्र बुद्धि वृद्धि के लिए
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वाग्देव्यै सरस्वत्यै नमः ।
10. सरस्वती मंत्र धन और बुद्धि के लिए
ॐ अर्हं मुख कमल वासिनी पापात्म क्षयम् कारी वद वद वाग्वादिनी सरस्वती ऐं ह्रीं नमः स्वाहा।
11. ज्ञान बढ़ाने के लिए सरस्वती मंत्र
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने ।
विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोस्तुते ॥
12. सरस्वती पुराणोक्ता मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु विद्या-रूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
1. इस दिन सुबह जल्दी जाग कर दैनिक कार्य कर स्नान करें।
2. लकड़ी की चौकी पर पीले वस्त्र बिछाकर गणेशजी और माता सरस्वती की प्रतिमा की स्थापना करें।
3. गणेशजी की पूजा कर माता सरस्वती की पूजा आरम्भ करें, हाथ में जल लेकर माता का ध्यान करते हुए संकल्प लें।
4. अब माता को रक्त चंदन और सिंदूर अर्पित करें।
5. माता को फल और फूल अर्पित करें।
6. मंत्रों के उच्चारण के साथ माता को मिष्ठान, पान सुपारी और फूल माला अर्पित करें।
7. इसके बाद माता सरस्वती की आरती करें और सरस्वती चालीसा का पाठ करें।
8. अंत में ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः स्वाहा का जप करते हुए हवन करें और 108 बार आहुति दें।