वैभव लक्ष्मी व्रत के नियम
1. जो व्यक्ति वैभव लक्ष्मी का व्रत करता है उसे पूर्ण श्रद्धा और भक्ति भाव से इस व्रत को करना चाहिए। क्योंकि जो लोग दुखी होकर अथवा बेमन से इस व्रत को करते हैं उनका व्रत पूर्ण नहीं माना जाता।
2. व्रत की विधि प्रारंभ करने से पूर्व लक्ष्मी स्तवन का एक बार पाठ जरूरी माना गया है।
3. यदि आप वैभव लक्ष्मी व्रत प्रारंभ करने वाले हैं तो व्रत शुरू करने से पहले 11 या 21 शुक्रवार तक वैभव लक्ष्मी व्रत रखने का संकल्प लेना चाहिए।
4. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वैभव लक्ष्मी व्रत में श्री यंत्र की पूजा को भी बहुत फलदायी माना गया है। श्री यंत्र को माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर के पीछे स्थापित करें और पहले श्री यंत्र की पूजा करने के बाद वैभव लक्ष्मी की पूजा करें।
5. वैभव लक्ष्मी के व्रत में माता रानी को सफेद मीठी चीज का भोग लगाया जाता है। ऐसे में आप माता लक्ष्मी को घर में ही गाय के दूध से खीर बनाकर भोग लगाएं। यदि यह संभव ना हो तो किसी अन्य सफेद मिठाई का भोग भी लगाया जा सकता है।
6. वैभव लक्ष्मी व्रत में पूजा की सामग्री का भी खास महत्व होता है। इसलिए आप वैभव लक्ष्मी की तस्वीर के सामने मुट्ठी भर चावल का ढेर लगाकर उस पर पानी से भरा कलश स्थापित करें। इसके बाद इस कलश के ऊपर एक कटोरी रखकर उसमें कोई सोने या चांदी का आभूषण रख दें। पूजा के दौरान मां वैभव लक्ष्मी को लाल वस्त्र, लाल फूल, लाल चंदन और गंधक चढ़ाएं।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)