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यहां जानें कौन सी गलतियां पड़ सकती हैं भारी
– गुरु प्रदोष व्रत के दिन घर या मंदिर में शिव जी की पूजा के दौरान जब परिक्रमा करें, तो ध्यान रखें परिक्रमा कभी भी पूरी न करें। परिक्रमा के दौरान जिस जगह से दूध बह रहा हो, वहां रुक जाएं, फिर वहीं से वापस घूम जाएं। इस तरह अपनी परिक्रमा करें।
– शिव जी की पूजा में चंदन के तिलक का इस्तेमाल करना चाहिए। शिवलिंग पर रोली और सिंदूर का तिलक न लगाएं। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता।
– प्रदोष व्रत के दिन पूजा के दौरान शिवलिंग पर दूध, दही, शहद या कोई भी वस्तु चढ़ाने के बाद जल जरूर चढ़ाना चाहिए। जल चढ़ाने के बाद ही शिव अभिषेक पूरा माना जाता है।
– शिवलिंग का दूध से अभिषेक करने के लिए तांबे के कलश का इस्तेमाल भूलकर भी न करें। दरअसल तांबे के बर्तन में दूध संक्रमित हो जाता है, इसके बाद यह चढ़ाने के योग्य नहीं होता।