Paush Purnima Subh Muhurt: दृक पंचांग के अनुसार पौष पूर्णिमा 6 जनवरी 2023 को सुबह 5.44 बजे से लग रही है, और यह तिथि 7 जनवरी को सुबह 8.07 बजे संपन्न हो रही है। पौष पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, यह योग शनिवार रात 12.14 बजे से सुबह 7.15 तक है।
Paush Purnima Puja Vidhi: प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय का कहना है कि पौष पूर्णिमा के दिन पूजा अर्चना के लिए यह विधि अपनानी चाहिए।
1. सबसे पहले पौष पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठें और व्रत का संकल्प लें।
2. पवित्र नदी गंगा में स्नान के बाद भगवान भास्कर को अर्घ्य दें। स्नान से पहले वरूण देव को नमस्कार करें। यदि गंगा स्नान करने की स्थिति नहीं है तो गंगाजल पानी में डालकर ही स्नान कर लें।
3. Paush Purnima 2023 पर स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें।
4. इसके बाद गरीबों, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं।
5. पौष पूर्णिमा के दिन कंबल, गुड़, तिल जैसी चीजों का दान करना भी शुभ होता है। ये भी पढ़ेंः Makar Sankranti 2023: शुभकारी है मकर संक्रांति, पर वृष राशि के लिए बनेगी तनाव का कारण
1. मान्यता है कि माता लक्ष्मी का वास उन घरों में होता है, जहां साफ-सफाई हो। लेकिन सूर्यास्त के बाद साफ सफाई नहीं करनी चाहिए। झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसलिए रात में झाड़ू लगाने से माता लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
2. पूर्णिमा के दिन मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज जैसे तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए।
3. पूर्णिमा की रात गलती से भी माता लक्ष्मी को तुलसी नहीं अर्पित करनी चाहिए। तुलसी का पत्ता भगवान विष्णु का प्रिय है लेकिन माता का नहीं। इस गलती के कारण उन्नति प्रभावित हो सकती है।
5. किसी बुजुर्ग का अपमान न करें, उनसे वाद विवाद न करें। पूर्णिमा के दिन ऐसा करने से चंद्र दोष लगता है और सुख संपत्ति प्रभावित होती है।