इसके अलावा पौष माह में गंगा, यमुना, अलकनंदा, शिप्रा, नर्मदा, सरस्वती नदियों में स्नान, प्रयागराज में कल्पवास की परंपरा है। मान्यता है कि इस महीने में तीर्थ दर्शन, व्रत-उपवास, दान, पूजा-पाठ, पवित्र नदियों में स्नान और धार्मिक कामों से कई गुना अधिक पुण्य फल मिलता है।
इस काम से घर बैठे मिलेगा सभी तीर्थों का फल
भविष्य पुराण के ब्राह्म पर्व में भगवान श्रीकृष्ण की ओर से पुत्र सांब को सूर्यदेव पूजा का महत्व बताया है। भगवान श्रीकृष्ण ने सांब को बताया था कि सूर्यदेव एक मात्र प्रत्यक्ष देवता हैं यानी सूर्य हमें साक्षात दिखाई देते हैं। जो लोग श्रद्धा के साथ सूर्य पूजा करते हैं, उनकी सभी इच्छाएं सूर्य देव पूरी करते हैं।डॉ. अनीष व्यास के अनुसार पौष मास में रोज सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। इस महीने में पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान करते समय सभी तीर्थों का और पवित्र नदियों का ध्यान करेंगे तो घर पर ही तीर्थ स्नान करने का पुण्य मिल सकता है।
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सूर्य पूजा के फायदे
डॉ व्यास के अनुसार किसी भी काम की शुरुआत पंचदेवों की पूजा के साथ ही होती है। सूर्य पूजा से कुंडली के नौ ग्रहों से संबंधित दोष दूर होते हैं। कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक न हो तो घर-परिवार और समाज में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहे, मान-सम्मान मिले, सफलता मिले, इसके लिए सूर्य की पूजा करनी चाहिए। पूस में इस पूजा का विशेष फल मिलता है।वेद और उपनिषद में सूर्य
अथर्ववेद और सूर्योपनिषद के अनुसार सूर्य परब्रह्म है। पौष मास में भगवान भास्कर ग्यारह हजार किरणों के साथ तपकर सर्दी से राहत देते हैं। इनका रंग खून के जैसा लाल है। शास्त्रों में ऐश्वर्य, धर्म, यश, श्री, ज्ञान और वैराग्य को ही भग कहा गया है और इन सबके कारण इन्हें भगवान माना जाता है। ये ही वजह है कि पौष मास के भग नाम के सूर्य को साक्षात परब्रह्म का ही रूप माना गया है। पौष महीने में सूर्य को अर्घ्य देने और उनके लिए व्रत करने का भी महत्व धर्म शास्त्रों में बताया है।पौष माह में क्या करें
आदित्य पुराण के अनुसार पौष माह के हर रविवार को तांबे के बर्तन में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल रंग के फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए और विष्णवे नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके साथ ही दिनभर व्रत रखना चाहिए और खाने में नमक का उपयोग नहीं करना चाहिए। संभव हो तो सिर्फ फलाहार ही करें। रविवार को व्रत रखकर सूर्य को तिल-चावल की खिचड़ी का भोग लगाने से मनुष्य तेजस्वी बनता है। आइये पढ़ते हैं इस महीने के व्रत त्योहार की लिस्टपौष माह व्रत-त्योहार
18 दिसंबर 2024: बुधवार, संकष्टी गणेश चतुर्थी22 दिसंबर 2024: रविवार, कालाष्टमी
25 दिसंबर 2024: बुधवार मदन मोहन मालवीय जयंती, क्रिसमस
26 दिसंबर 2024: गुरुवार, सफला एकादशी
28 दिसंबर 2024: शनिवार, प्रदोष व्रत
29 दिसंबर 2024: रविवार, मासिक शिवरात्रि
30 दिसंबर 2024: सोमवार अमावस्या, सोमवार व्रत
01 जनवरी 2025: बुधवार नव वर्ष , चंद्र दर्शन
03 जनवरी 2025: शुक्रवार वरद चतुर्थी
05 जनवरी 2025: रविवार षष्ठी
06 जनवरी 2025: सोमवार, गुरु गोबिंदसिंह जयंती
07 जनवरी 2025: मंगलवार, दुर्गाष्टमी व्रत
10 जनवरी 2025: शुक्रवार वैकुंठ एकादशी , पौष पुत्रदा एकादशी
11 जनवरी 2025: शनिवार कूर्म द्वादशी व्रत, प्रदोष व्रत , रोहिणी व्रत
12 जनवरी 2025: रविवार स्वामी विवेकानंद जयंती , राष्ट्रीय युवा दिवस
13 जनवरी 2025: सोमवार पूर्णिमा , सत्य व्रत , पौष पूर्णिमा , माघ स्नान प्रारंभ, लोहड़ी (लोहरी), सत्य व्रत , पूर्णिमा व्रत