8 दिसंबर को ब्रह्म मुहूर्त में ही एकादशी तिथि लग रही है। एकादशी भले ही 9 दिसंबर को सुबह तक रहेगी लेकिन उदया तिथि भी 8 दिसंबर को ही है। ऐसे में उत्पन्ना एकादशी 8 दिसंबर को ही मनाई जाएगी। एकादशी व्रत 8 दिसंबर को ही रखा जाएगा।
मूर नाम का राक्षस भगवान विष्णु को मारना चाहता था। जब विष्णुजी सो रहे थे तो वह चुपके से आ पहुंचा। तभी विष्णुजी के हृदय से एकादशी माता की उत्पत्ति हुई और उन्होंने राक्षस मूर का वध कर दिया। यही कारण है कि उत्पन्ना एकादशी व्रत करने से न केवल भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं बल्कि इससे लक्ष्मीजी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।
उत्पन्ना एकादशी के शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारंभ होगी— 8 दिसंबर को सुबह 5.06 बजे
एकादशी तिथि रहेगी— 9 दिसंबर को सुबह 6.31 बजे तक
उत्पन्ना एकादशी पूजा मुहूर्त— सुबह 8.19 बजे से 9.37 बजे तक।
अमृत काल— सुबह 9.37 मिनट से 10.55 बजे तक
एकादशी व्रत पारण— 9 दिसंबर 2023 को
व्रत पारण का समय— मध्यान्ह 1.15 बजे से 3.20 मिनट बजे तक