धन का वितरणः बाबा नीम करोली का सवाल था कि जब तक कोई पात्र आप खाली नहीं करेंगे तो भरेंगे कैसे, ठीक इसी तरह धन जमा करने से कोष नहीं भरता, बल्कि उसे खाली करने से भरता है। धनकोष में धन जमा करके रख देने से एक दिन वह खाली जरूर हो जाएगा। लेकिन इस धन कोष से लोगों की मदद करने वालों को भगवान धनवान बनाते हैं। किसी जरूरतमंद के लिए खाली किए धनकोष पर ईश्वर की असीम कृपा बरसती है। ऐसे लोगों के पास धन की आवक बनी रहती है।
खुद को गरीब न समझें: नीम करोली बाबा का कहना है कि धनवान वही है जो खुद को गरीब नहीं समझता है। बल्कि कहें तो असली धनवान वह है जिसके पास चरित्र, व्यवहार और भगवान की आस्था का कोष भरा हुआ है। धातु के आभूषण कागज के नोटों का मनुष्य की देह की तरह नाश हो जाता है। असली धनवान वही है जो कर्म, भाव, कल्याण और भक्ति से भरा हुआ है। अगर आप में ऐसे गुण हैं तो खुद को गरीब न समझें। ऐसे लोग ही सही मायने में धनवान होते हैं।