नव वर्षः 1 जनवरी को अंग्रेजी कैलेंडर का नया साल शुरू हो रहा है। इस दिन दुनिया भर में जश्न मनाया जाता है। इसके लिए 31 दिसंबर रात 12 बजे के बाद से ही गीत संगीत का कार्यक्रम शुरू हो जाता है। लोग एक दूसरे को शुभकामना देते हैं, पार्टियां आयोजित की जाती हैं। पूरे दिन उत्सवी माहौल रहता है, नया साल अच्छा से बीते, इसके लिए आस्थावान लोग मंदिरों और धर्मस्थलों में पूजा पाठकर ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।
पौष पुत्रदा एकादशीः नव वर्ष 2023 के अगले दिन ही हिंदू कैलेंडर के मुताबिक पौष पुत्रदा एकादशी है। इस दिन लोग पूजा पाठ कर भगवान से अपनी संतान के मंगल के लिए प्रार्थना करते हैं। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस व्रत से संतान प्राप्ति की कामना भी पूरी होती है।
बुध प्रदोषः चार जनवरी को बुध प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शंकर की पूजा सायंकाल की जाती है। इससे भगवान शिव सभी कष्टों को दूर करते हैं।
पौष पूर्णिमा व्रतः छह जनवरी को पौष पूर्णिमा व्रत है, मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा और माता लक्ष्मी की पूजा से घर में धन संपदा की वृद्धि होती है। इस दिन गंगा स्नान आदि का भी विशेष महत्व है। इस दिन दान का भी विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि पूर्णिमा के दिन दान से व्यक्ति के पाप का नाश होता है।
ये भी पढ़ेंः शुक्र के राशि बदलने से बदलेगा इन राशियों का भाग्य, ऐसे चमकेगी किस्मत संकष्टी चतुर्थीः माघ महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। इस साल यह व्रत 10 जनवरी को है। यह व्रत गणेश जी को समर्पित है और अक्सर यह व्रत महिलाएं रखती नजर आती हैं।
षटतिला एकादशीः 18 जनवरी को षटतिला एकादशी है, इस दिन तिल के दान और भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दिन भगवान विष्णु को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है। इस दिन तिल का दान करने से स्वर्ण दान का फल मिलता है।
विवेकानंद जयंतीः 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जयंती है। इस दिन पूरे देश में स्वामी विवेकानंद की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई जाती है।
मासिक शिवरात्रिः हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन व्रत रखने से भगवान शंकर की कृपा प्राप्त होती है। ऐसी कन्याएं जिनके विवाह में अड़चन आ रही होती है, वो इस दिन उपवास रखकर भगवान शंकर की पूजा करती हैं।
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माघ अमावस्याः माघ महीने में पड़ने वाली अमावस्या को माघ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। माघ अमावस्या 21 जनवरी 2023 को है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान दान और पितरों के तर्पण से ग्रह दोष कटते हैं। साथ ही पितरों के तर्पण और भगवान विष्णु की पूजा से पापों से मुक्ति मिलती है।
माघ अमावस्याः माघ महीने में पड़ने वाली अमावस्या को माघ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। माघ अमावस्या 21 जनवरी 2023 को है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान दान और पितरों के तर्पण से ग्रह दोष कटते हैं। साथ ही पितरों के तर्पण और भगवान विष्णु की पूजा से पापों से मुक्ति मिलती है।
लोहड़ीः पंजाब क्षेत्र में मनाया जाने वाला प्रमुख त्योहार है। लोहड़ी साल की सबसे लंबी रात,वसंत आगमन और रवि की फसलों से जुड़ा उत्सव है। लोहड़ी 14 जनवरी 2023 को है। इसमें पंजाबी और सिख समाज के लोग आग जलाकर उसके चारों ओर डांस करते हैं। वहीं आग में मूंगफली, गजक और तिल डालकर परिक्रमा करते हैं।
पोंगलः यह मुख्य रूप से तमिलनाडु और उसके आसपास के क्षेत्र में मनाया जाने वाला त्योहार है। इस साल यह 15 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा। वर्ष के शुभारंभ के रूप में यह त्योहार मनाते हैं और चार दिनों तक उत्सव चलता है। घरों के बाहर रंगोली बनाई जाती है। यह त्योहार भगवान इंद्र को समर्पित है और उनसे किसान अच्छी बारिश की प्रार्थना करते हैं।
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मकर संक्रांतिः मकर संक्रांति भारत में उत्तर से दक्षिण तक और पूरब से पश्चिम तक मनाई जाती है, बस कहीं-कहीं इसका रूप बदल जाता है। यह त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा, दान, गंगास्नान किया जाता है। देश भर में इस दिन पतंग उत्सव आयोजित किया जाता है। गुजरात का पतंग उत्सव दुनिया भर में मशहूर है।
मकर संक्रांतिः मकर संक्रांति भारत में उत्तर से दक्षिण तक और पूरब से पश्चिम तक मनाई जाती है, बस कहीं-कहीं इसका रूप बदल जाता है। यह त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा, दान, गंगास्नान किया जाता है। देश भर में इस दिन पतंग उत्सव आयोजित किया जाता है। गुजरात का पतंग उत्सव दुनिया भर में मशहूर है।
सरस्वती पूजाः माघ शुक्ल पक्ष पंचमी को वसंत पंचमी मनाई जाती है। इस दिन देश भर में सरस्वती पूजा की जाती है। वसंत पंचमी 26 जनवरी को है, कई जगह शोभायात्रा निकाली जाती है।
गणतंत्र दिवसः 26 जनवरी को भारत का गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस दिन गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित होता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, परेड आदि होती है।
सुभाष चंद्र बोस जयंतीः नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को है। इस दिन देश भर में कार्यक्रम आयोजित किया जाता है और लोग देश की आजादी में नेताजी के योगदान को याद करते हैं।