bell-icon-header
धर्म और अध्यात्म

Navratri 2023: अचानक आए संकट से रक्षा के लिए कालरात्रि को लगाएं ये भोग, नवरात्रि में प्रिय फूल चढ़ाने से माता रानी देती हैं नौ वरदान

Navratri Upay 2023 शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना कर मां शैलपुत्री की पूजा की गई, दूसरे दिन जगदंबा दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी। इन नौ दिनों में भक्त देवी दुर्गा को प्रसन्न कर मनचाहा वरदान प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए जहां प्रसाद, चुनरी, फल, मिठाई माता को अर्पित करने की परंपरा है। वहीं, माता के विभिन्न स्वरूपों को उनकी पसंद का फूल और भोग लगाने का भी रिवाज है। इससे माता भक्तों को नौ तरह के आशीर्वाद भी देती हैं तो आइये जानते हैं नवरात्रि में जगदंबा के नौ वरदान, प्रिय फूल और प्रिय भोग…

Oct 15, 2023 / 06:31 pm

Pravin Pandey

नवदुर्गा पूजा में माता रानी के प्रिय फूल, भोग और वरदान

1. मां शैलपुत्री
पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। माता के इस स्वरूप को गुड़हल का लाल फूल और सफेद कनेर का फूल अर्पित किया जाता है। मान्यता है इससे माता शैलपुत्री बेहद प्रसन्न होती हैं। यह भी कहा जाता है कि सुहागिन महिलाओं को रक्तिम गुड़हल का फूल ही चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा माता के इस स्वरूप को देशी घी का भोग लगाया जाता है। इससे माता भक्त को निरोगी काया का आशीर्वाद देती हैं और वह जीवन पर्यंत स्वस्थ रहता है।

2. मां ब्रह्मचारिणी
आदिशक्ति जगदंबा दुर्गा का दूसरा स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार इनका प्रिय फूल गुलदाउदी है। इस दिन मां के चरणों में गुलदाउदी अर्पित करने से वह शीघ्र प्रसन्न हो जाती हैं। इसके अलावा इस स्वरूप को सेवंती का फूल भी बहुत प्रिय है। यह फूल अर्पित करने से माता ब्रह्मचारिणी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। वहीं भोग में माता को मिसरी और शक्कर पसंद है। यह भोग मां को अर्पित करने पर वह प्रसन्न होकर हर मनोकामना पूरी करती हैं और लंबी आयु प्रदान करती हैं।

3. मां चंद्रघंटा
जगदंबा दुर्गा का तीसरा स्वरूप मां चंद्रघंटा हैं, इस स्वरूप को कमल का फूल और शंखपुष्पी का फूल पसंद है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां के चरणों में यह फूल अर्पित करने से मां प्रसन्न होती है और कार्यों में जल्दी सफलता प्रदान करती हैं। इससे आप में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है, सकारात्मकता बढ़ती है। इसके अलावा माता को दूध या दूध से बने मीठे व्यंजन प्रिय हैं। इसलिए माता को खीर का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने पर भक्त को उसके दुखों से छुटकारा मिलता है।

4. मां कूष्मांडा
चौथा स्वरूप मां कुष्मांडा हैं, इनको चमेली का फूल या पीले रंग का कोई भी फूल पसंद है। इस फूल को अर्पित करने से मां प्रसन्न होकर अपने भक्तों को अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देती हैं। इससे साधक की सभी इंद्रियां जाग्रत रहती हैं। वहीं माता कूष्मांडा को मालपुआ प्रिय है, इस व्यंजन से भोग लगाने से माता के आशीर्वाद से साधक की बुद्धि का विकास होता है।

ये भी पढ़ेंः kunjika stotram: सिद्ध कुंजिका स्त्रोत है मां को प्रसन्न करने की चाभी, यह है पढ़ने की विधि
5. मां स्कंदमाता
पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता को पीले रंग के फूल बहुत प्रिय हैं। इसलिए नवरात्रि के पांचवें दिन जगदंबा दुर्गा की पूजा में पीले फूल अर्पित करने चाहिए, इससे प्रसन्न होकर मां साधक को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। माता को पीले रंग की घंटी भी चढ़ाना चाहिए। इससे आपके और आपकी संतान के बीच प्रेम की डोर मजबूत होती है। वहीं इस स्वरूप को केला पसंद है। इसलिए पांचवें दिन की पूजा में केले का भोग लगाया जाता है। ऐसा करने पर अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है।
6. माता कात्यायनी
नवरात्रि की छठीं देवी माता कात्यायनी हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार मां कात्यायनी को गेंदे का फूल और बेर के पेड़ का फूल पसंद है। उनके चरणों में ये फूल अर्पित करने से मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है। वहीं इस स्वरूप को शहद प्रिय है, इससे इन्हें शहद का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से माता की कृपा से आपकी आकर्षण क्षमता बढ़ जाएगी।
7. मां कालरात्रि
नवरात्रि की सातवीं अधिष्ठात्री देवी माता कालरात्रि हैं, काली, चंडिका आदि नामों से भी जाना जाता है। इन देवी को नीले रंग का कृष्ण कमल बहुत प्रिय है। यदि ये फूल न मिले तो कोई भी नीले रंग का फूल अर्पित कर सकते हैं, इससे माता आसानी से प्रसन्न हो जाती हैं और माता भक्त की सभी बाधाएं दूर कर देती हैं। माता को गुड़ बहुत प्रिय है, नवरात्र के सातवें दिन पूजा में गुड़ का भोग लगाने से माता कालरात्रि भक्त के जीवन में आने वाले सभी आकस्मिक कष्टों संकटों से उसकी रक्षा करती हैं।
8. मां महागौरी
जगदंबा दुर्गा का आठवां स्वरूप माता महागौरी हैं, इन्हें मोगरे का फूल प्रिय है। नवराते के आठवें दिन यानी महाष्टमी के दिन मां के चरणों में मोगरे का फूल अर्पित करने से मां की कृपा हमेशा घर-परिवार पर बनी रहेगी। इस स्वरूप को बेले का फूल भी पसंद है। इन दोनों पुष्पों को माता को अर्पित करते हैं तो धन, वैभव, ऐश्वर्य, सुख शांति की प्राप्ति होती है। वहीं इस स्वरूप को नारियल प्रिय है। इसलिए महागौरी को भोग में छीला नारियल चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से संतान सुख की चाह रखने वाले लोगों को संतान की प्राप्ति होती है।
ये भी पढ़ेंः Saptahik Ank Rashifal 15 to 21 October: अपने मूलांक से जानिए कैसे रहेंगे अगले सात दिन, देखिए किसे हो रहा धन लाभ, किसे मिल रही नौकरी

9. मां सिद्धिदात्री
माता दुर्गा का नवां स्वरूप मां सिद्धिदात्री का है। मां सिद्धिदात्री को चंपा और गुड़हल का फूल बेहद पसंद है। इसलिए महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री के चरणों में चंपा और गुड़हल अर्पित करना चाहिए। इससे मां प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं और हर तरह से भक्त का कल्याण करती हैं। इसके अलावा माता सिद्धिदात्री को तिल प्रिय है। इसलिए महानवमी के दिन इनकी पूजा में तिल और तिल से निर्मित व्यंजन चढ़ाने चाहिए। इससे प्रसन्न होकर माता अकाल मृत्यु न होने का आशीर्वाद देती हैं।

यह फूल किसी भी दिन कर सकते हैं अर्पित
नवरात्रि में रोजाना की माता दुर्गा की पूजा में गुड़हल, गुलदाउदी, कमल, चमेली, चंपा, गेंदा, सेवंती, कृष्‍ण कमल, बेला और पीले या सफेद कनेर आदि फूलों में से कोई एक चढ़ा सकते हैं।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Religion and Spirituality / Navratri 2023: अचानक आए संकट से रक्षा के लिए कालरात्रि को लगाएं ये भोग, नवरात्रि में प्रिय फूल चढ़ाने से माता रानी देती हैं नौ वरदान

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.