धर्म और अध्यात्म

mahashivratri 2023: ऋषिकेश में यहां ठहरी थी शिवजी की बारात, क्या जानते हैं इस भूतनाथ मंदिर के रहस्य?

भगवान शिव के विवाह की कई कथाएं आम जनमानस में प्रचलित हैं। कई धारावाहिकों में भी इस प्रसंग को अलग-अलग ढंग से दिखाया गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सती शिव विवाह (Sati Shiv Vivah) के दौरान शिवजी की बारात कहां रूकी थी तो आइये हम महाशिवरात्रि (mahashivratri 2023) पर बताते हैं इस जगह के बारे में मोटी-मोटी बातें…

Feb 18, 2023 / 10:36 am

Pravin Pandey

bhootnath mandir rishikesh

सती शिव विवाह कथा (Sati Shiv Vivah): धार्मिक ग्रंथों के अनुसार उत्तराखंड को भगवान शिव की भूमि और कैलाश पर इनका निवास स्थान माना जाता है। यहीं इनकी ससुराल भी मानी जाती है। धार्मिक ग्रंथों में वर्णित भगवान शिव के विवाह से जुड़ी एक कथा के अनुसार सती से विवाह के लिए जब भगवान शिव अपनी बारात लेकर दक्ष के यहां पहुंचे तो बारात को ऋषिकेश में ठहराया गया था, जहां अब भूतनाथ मंदिर (bhootnath mandir rishikesh) है। इस मंदिर को गुप्त मंदिर भी कहते हैं, ग्रंथों के अनुसार महादेव की बारात में शामिल देव, गण और भूत आदि बारातियों ने यहीं रात बिताई थी।

स्वर्गाश्रम क्षेत्र में पड़ने वाला तीन ओर से राजाजी नेशनल पार्क से घिरा यह भूतनाथ मंदिर ऋषिकेश का एक रमणीक स्थल है। अपनी हरियाली के कारण तो यह क्षेत्र आकर्षण का केंद्र है ही, यहां का आध्यात्मिक जुड़ाव भी भक्तों को खींचता है। यह मंदिर सात मंजिला इमारत है, यहां से ऋषिकेश का सुंदर नजारा दिखता है।

इसकी पहली मंजिल पर भगवान शंकर से जुड़ी कथाओं का चित्रों के माध्यम से वर्णन किया गया है। मंदिर की दूसरी मंजिलों पर अन्य देवी-देवताओं के चित्र हैं। सबसे ऊपर सातवीं मंजिल पर भगवान शिव का मंदिर है, जिसके प्रांगण में भगवान शिव के भूतों की बारात के बारे में चित्रों से दर्शाया गया है।

भूतनाथ मंदिर ऋषिकेश से जुड़ी मान्यताः जनमानस में इस मंदिर को लेकर कई बातें और मान्यताएं प्रचलित हैं, जिसे जानकर हैरान हुए बिना नहीं रहेंगे। मान्यता है कि यहां आने से भूत-प्रेत की बाधाएं दूर होती हैं। यहां आकर महादेव का दर्शन करने वाले भक्तों को असाध्य रोग से भी छुटकारा मिल जाता है। लेकिन यहां महादेव के दर्शन सच्चे भक्तों को ही प्राप्त होते हैं।
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मिट्टी साथ ले जाते हैं भक्त

ऋषिकेश के भूतनाथ मंदिर की मिट्टी बहुत गुणों वाली मानी जाती है। यहां पहुंचने वाला भक्त यहां से मिट्टी ले जाना नहीं भूलता। कहा जाता है कि कोई अवसाद में है और उसका मन अशांत रहता है या वह नशे की लत नहीं छोड़ पा रहा है तो उसे एक बार भूतनाथ का दर्शन अवश्य करना चाहिए।

घंटियों से अलग-अलग ध्वनि

लोगों का कहना है कि इस भूतनाथ मंदिर में शिवलिंग के चारों ओर 10 घंटियां लगी हुईं हैं और इनमें से अलग-अलग ध्वनि निकलती है।

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