ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार इस दिन सामान्य पूजा भी भगवान शिव की कृपा दिला सकती है। इस बेहद शुभ नवरात्रि में भगवान शिव की पूजा से महादेव की कृपा तो प्राप्त ही होगी, शनि पीड़ा निवारण एवं अनिष्ट ग्रहों से मुक्ति का फल भी आसानी से प्राप्त हो जाएगा। यदि कोई भक्त इस दिन भगवान को प्रसन्न करने के लिए रूद्राभिषेक कराता है तो यह और भी शुभ फलदायी होगा।
विशेष राज योगः ज्योतिषाचार्य वार्ष्णेय के अनुसार महाशिवरात्रि 2023 पर नौ ग्रहों के गुरु और ज्ञान के कारक ग्रह बृहस्पति महाशिवरात्रि पर अपनी स्वराशि में मीन में विशेष राजयोग बना रहे हैं। पं. वार्ष्णेय के अनुसार जब भी लग्न से केंद्र स्वराशि बृहस्पति होता है तो पंच महापुरुष में हंस नाम का राज योग बनाता है।
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इसके अलावा कुंभ राशि में विराजमान शनि केंद्र में आकर महाशिवरात्रि पर पंच महापुरुष नाम का योग बना रहा है। इसी प्रकार शनि स्वराशि का केंद्र में होने से पंच महापुरुष में शशक नामक राजयोग बनाता है। यह बेहद शक्तिशाली राज योग है। इसके अलावा शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में गोचर कर मालव्य राजयोग बना रहे हैं। पं. वार्ष्णेय के अनुसार जिन लग्न में यह राजयोग बन रहे हैं, उस लग्न में पूजा अर्चना विशेष फलदायी मानी गई है।
इसके अलावा कुंभ राशि में विराजमान शनि केंद्र में आकर महाशिवरात्रि पर पंच महापुरुष नाम का योग बना रहा है। इसी प्रकार शनि स्वराशि का केंद्र में होने से पंच महापुरुष में शशक नामक राजयोग बनाता है। यह बेहद शक्तिशाली राज योग है। इसके अलावा शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में गोचर कर मालव्य राजयोग बना रहे हैं। पं. वार्ष्णेय के अनुसार जिन लग्न में यह राजयोग बन रहे हैं, उस लग्न में पूजा अर्चना विशेष फलदायी मानी गई है।
ज्योतिषाचार्य वार्ष्णेय के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही शनि प्रदोष भी है और इसी दिन शशक, हंस जैसे राजयोग भी बन रहे हैं और इतने सारे योग मिलकर मनोकामना पूर्ति योग बना रहे हैं, यानी कि भक्त इस महाशिवरात्रि पर जिस भी मनोकामना के निमित्त पूजा करेगा, वह मनोकामना जरूर पूरी होगी। इससे यह महाशिवरात्रि विशेष फल देने वाली बन गई है।
इस महाशिवरात्रि पर पूजा भगवान शिव की कृपा तो दिलाने ही वाली है। शनि प्रदोष इसी दिन होने से भगवान शिव की इस दिन पूजा से शनि पीड़ा में भी शांति आएगी, इसके अलावा राहु, केतु जैसे अनिष्टकारी ग्रह भी शांत होंगे।