माघ माह में पडऩे वाली पूर्णिमा यानी माघ पूर्णिमा कहा जाता है। शास्त्रों में इस पूर्णिमा को महत्वपूर्ण माना गया है। स्नान-दान से लेकर पूजा-पाठ और उपाय के लिए भी इस पूर्णिमा का दिन सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इस साल माघ पूर्णिमा 5 फरवरी 2023 को पड़ेगी। वहीं इस दिन कई शुभ और दुर्लभ योग भी बन रहे हैं। माना जाता है कि इन संयोगों में किए गए कार्य सफल और बिना किसी रुकावट के संपन्न होते हैं। इस लेख में पत्रिका.कॉम आपको बता रहा है ज्योतिष पर आधारित ऐसे उपाय जिन्हें इस दिन करने से न केवल सूनी गोद भर जाती है, बल्कि आप सौभाग्य पाने और धन संंबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए भी इन्हें फॉलो कर सकते हैं।
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माघ पूर्णिमा पर शुभ योग
माघ पूर्णिमा के दिन अश्लेषा नक्षत्र में चन्द्रमा, गुरु एवं शनि इन तीनों ही ग्रहों की युति बन रही है। साथ ही वाशी योग, सुनफा योग, आयुष्मान योग, रविपुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहे हैं, ये बेहद शुभ माने गए हैं।
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माघ पूर्णिमा पर रवि पुष्य योग का महत्व
माघ पूर्णिमा पर रवि पुष्य योग सुबह 7 बजकर 7 मिनट से दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। सभी 27 नक्षत्रों में 8वें स्थान पर पुष्य नक्षत्र आता है। इसे बेहद शुभ नक्षत्र माना गया है। जब यह नक्षत्र रविवार के दिन आता है, तो वार और नक्षत्र के संयोग से जो योग बनता है, उस योग को ही रवि पुष्य योग कहा जाता है। इस योग को सभी शुभ और मांगलिक कार्यों के शुभारंभ के लिए श्रेष्ठ माना गया है। यदि ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल हो या कोई अच्छा मुहूर्त नहीं भी हो, तो भी रवि पुष्य योग में शुभ और मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। केवल विवाह जैसा मांगलिक कार्य ही इस दौरान नहीं किया जा सकता। बाकी सभी कार्यों के लिए यह विशेष रूप से लाभकारी होता है। इस योग में सोने के आभूषण, प्रॉपर्टी और वाहन आदि की खरीदारी करना भी शुभ और लाभदायक होता है। रवि पुष्य योग में नए व्यापार और व्यवसाय की शुरुआत करना भी श्रेष्ठ माना जाता है। इसके अलावा यह योग तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए भी विशेष माना जाता है।
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माघ पूर्णिमा पर रवि पुष्य योग में जरूर करें ये उपाय
मानसिक तनाव कम करने के लिए
जिनकी जन्मकुंडली में चंद्रमा अनुकूल नहीं होता है तथा मानसिक अशांति, तनाव-डिप्रेशन आदि हमेशा बना रहता है, तो इस दिन चंद्रोदय के समय गाय के कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर ‘ऊँ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: चन्द्रमासे नम:’ का उच्चारण करते हुए चंद्रमा को अघ्र्य देना चाहिए।
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इस उपाय से बनेंगे संतान प्राप्ति के योग
जिन लोगों को संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है, ऐसे दंपती रवि पुष्य के संयोग में भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करें। श्रीकृष्ण का आकर्षक शृंगार करें। उन्हें पीतांबर पहनाएं, पीले पुष्प अर्पित करें और बेसन या बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं। इसके बाद संतान गोपाल मंत्र का पाठ करें। ऐसा करने से संतान प्राप्ति के योग बनेंगे और जल्द ही आपकी सूनी गोद भर जाएगी।
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धन-संपत्ति के लिए
धन-संपत्ति के लिए रवि पुष्य योग में स्वर्ण यानी सोना खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस योग के प्रभाव से उस खरीदे गए सोने में लगातार वृद्धि होती रहती है। यदि सोना नहीं खरीद पा रहे हैं तो घर में रखे हुए सोने के आभूषण में हल्दी और चंदन लगाकर उनका पूजन करें। धूप-दीप दिखाकर इन्हें पीले कपड़े में बांधकर फिर से तिजोरी या किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें।