कार्तिक मास (Kartik Month)
कार्तिक महीना हिंदू कैलेंडर का 8वां महीना है। इस महीना का बड़ा धार्मिक महत्व है। यह महीना स्नान, दान के लिए विशेष माना जाता है। विशेष रूप से इस महीने में देव उठनी एकादशी पर चार महीने के अंतराल के बाद योग निद्रा से भगवान विष्णु जागते हैं और इसी महीने में तुलसी और भगवान के स्वरूप शालिग्राम का विवाह होता है। इसलिए इस महीने में तुलसी पूजा का विशेष महत्व है। इससे भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। क्या आप जानते हैं कार्तिक में तुलसी पूजा कैसे करें…तुलसी पूजा का महत्व ( Tulsi Puja Importance)
कार्तिक मास में तुलसी पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि भगवान विष्णु बिना तुलसी दल के कोई भोग स्वीकार नहीं करते। इस माह में रोज सुबह स्नाान करके तुलसी को जल चढ़ाना चाहिए और तुलसी के आगे दीपक भी जलाना चाहिए। इससे भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। तुलसी घर के वास्तु दोष को भी दूर करती है। इसलिए घर के आगंन में तुलसी का पौधा लगाना चाहिए। इससे घर में सकारात्मकता बनी रहती है। ये भी पढ़ेः संपूर्ण फल के लिए इस विधि से करें अहोई अष्टमी पूजा, संतान को नहीं होगा कष्ट
2. इसके बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
3. स्नान ध्यान कर तुलसी को जल अर्पित करें।
4. तुलसी को सिंदूर लगाएं और फूल अर्पित करें।
5. फल, मिठाई, मिश्री का भोग लगाएं।
6. तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं और उनकी परिक्रमा करें।
7. तुलसी स्तोत्र पाठ करें और तुलसी आरती गाएं।
8. तुलसी की पूजा करते समय भगवान विष्णु और तुलसी माता से दुखों को दूर करने की प्रार्थना करें।
9. इसके बाद फल और मिठाई का भोग भी लगाएं।
तुलसी पूजा विधि (Tulsi Puja Vidhi)
1. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठे और अपने इष्ट देवी-देवता का ध्यान कर दिन की शुरुआत करें।2. इसके बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
3. स्नान ध्यान कर तुलसी को जल अर्पित करें।
4. तुलसी को सिंदूर लगाएं और फूल अर्पित करें।
5. फल, मिठाई, मिश्री का भोग लगाएं।
6. तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं और उनकी परिक्रमा करें।
7. तुलसी स्तोत्र पाठ करें और तुलसी आरती गाएं।
8. तुलसी की पूजा करते समय भगवान विष्णु और तुलसी माता से दुखों को दूर करने की प्रार्थना करें।
9. इसके बाद फल और मिठाई का भोग भी लगाएं।