धर्म और अध्यात्म

Ashwin Krishna Amavasya: सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितर महालय भोजन से तृप्त होकर वापस जाते हैं अपने लोक

पितृ विसर्जन अमावस्या के अगले दिन से शुरु हो जाएंगे शारदीय नवरात्र

Sep 29, 2021 / 05:18 pm

दीपेश तिवारी

Sarva pitru amavasya 2021

हिंदू कैलेंडर में हर वर्ष 16 दिन चलने वाले श्राद्ध पक्ष की शुरुआत भाद्रपक्ष की पूर्णिमा से होती है वहीं इसका समापन आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को होता है।

ऐसे में साल 2021 में भी भाद्रपक्ष की पूर्णिमा के दिन यानि सोमवार, 20 सितंबर 2021 को पहले श्राद्ध (पूर्णिमा श्राद्ध) से पितृ पक्ष की शुरुआत हुई, वहीं इसका समापन बुधवार, 06 अक्टूबर 2021 को अमावस्या श्राद्ध (सर्वपितृ श्राद्ध) के साथ होगा।

सर्व पितृ अमावस्या 2021 के मुहूर्त
अमावस्या तिथि की शुरुआत: अक्तूबर 05, 2021 को 07:04 PM से
अमावस्या तिथि का समापन : अक्तूबर 06, 2021 को 04 :34 PM तक

पितृ विसर्जन अमावस्या-
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पितृ विसर्जन अमावस्या कहा जाता हैं इस दिन पितर लोक से आए हुए पित्तीश्वर महालय भोजन से तृप्त हो अपने लोक को जाते हैं।

इस दिन ब्रह्मण भोजन और दानादि से पितर तृप्त होते हैं। साथ ही मान्यता के अनुसार अपने लोक वापस जाते समय वे अपने पुत्र, पौत्रों पर आशीर्वाद रूपी अमृत वर्षा करते हैं।

इस दिन स्त्रियां संध्या समय दीपक जलाने की बेला में पूड़ी, मिष्ठान अपने दरवाजों पर रखती हैं। जिसका तात्पर्य यह होता है कि पितर जाते समय भूखे न जाएं। इसी प्रकार पितरों का मार्ग दीपक जलाकर आलोकित किया जाता है। इस अमावस्या को ही श्राद्ध पक्ष पूर्ण हो जाते हैं।

Must Read- Shardiya Navratri 2021: मां दुर्गा के वे 108 नाम, जिनसे प्राप्त होता है पूजा का पूरा फल

इस अमावस्या का श्राद्धकर्म और तांत्रिक दृष्टिकोण से बहुत ज्यादा महत्व है। भूले-भटके पितरों के नाम का, ब्राह्मण तो इस दिन जिमाया ही जाता है, साथ ही यदि किसी कारणवश किसी तिथि विशेष को श्राद्ध कर्म नहीं हो पाता, तब उन पितरों का श्राद्ध भी इस दिन किया जा सकता है।

Must Read- कोरोना में हुई अपनों की मृत्यु का ऐसे करें श्राद्ध, मिलेगी शांति

Shradh method for corona deaths
इस अमावस्या के दूसरे दिन से शारदीय नवरात्र शुरु हो जाते हैं। यही कारण है कि मां दुर्गा के प्रचंड रूपों के आराधक और तंत्र साधना करने वाले इस अमावस्या की रात को विशिष्ट तांत्रिक साधनाएं भी करते हैं। यही कारण है कि आश्विन मास की अमावस्या को पितृ विसर्जन अमावस्या भी कहा जाता है।
Must Read- Pitru Paksha 2021: श्राद्ध कैलेंडर 2021

Must Read – कोरोना के मृतक ही देंगे पितृ दोष और कालसर्प दोष को जन्म

Hindi News / Astrology and Spirituality / Religion and Spirituality / Ashwin Krishna Amavasya: सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितर महालय भोजन से तृप्त होकर वापस जाते हैं अपने लोक

लेटेस्ट धर्म और अध्यात्म न्यूज़

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.