आइये जानते हैं श्री कृष्ण के सक्सेस मंत्र
अपने काम पर ध्यान दें
भगवान श्री कृष्ण के अनुसार व्यक्ति को अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। व्यर्थ की बातों में अपना समय नष्ट नहीं करना चाहिए और न ही किसी से डरना चाहिए। भगवान ने कम समय में पढ़ाई पूरी कर, युवा अवस्था में माता पिता को जेल से मुक्त कराकर, मथुरा के लोगों के कल्याण के लिए फैसले लेकर यह साबित कर दिया।
शांति से ही तरक्की संभव
भगवान कृष्ण के अनुसार तरक्की के लिए हमेशा शांति के रास्ते पर चलना चाहिए। भले ही शांति के लिए कोई कुर्बानी भी देनी पड़े। अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए और सदा ऐसे काम करने चाहिए, जिसमें ज्यादा लोगों और समाज का हित हो। शांति के लिए राजधानी मथुरा से द्वारिका ले जाना हो या महाभारत युद्ध रोकने के लिए भरसक प्रयास वह शांति का महत्व समझाता है। उन्होंने समृद्धि द्वारिका नगरी की स्थापना की थी।
सच्चे और अच्छे मित्र बनें
भगवान कृष्ण ने मुश्किल घड़ी में पांडवों का साथ देकर साबित कर दिया कि दोस्त वही अच्छे होते हैं जो कठिन से कठिन परिस्थिति में आपका साथ देते हैं। दोस्ती में शर्तों के लिए कोई जगह नहीं है, इसलिए आपको भी ऐसे ही दोस्त अपने आस-पास रखने चाहिए जो हर मुश्किल परिस्थिति में आपका सहारा बनें।
गलतियों और असफलताओं से सीखें
महान योद्धा अर्जुन ने न केवल अपने गुरु से सीख ली बल्कि योगेश्वर श्री कृष्ण की प्रेरणा और अनुभवों से भी बहुत कुछ सीखा, इसके लिए श्रीकृष्ण हमेशा मार्गदर्शक रहे। वो हमेशा पांडवों को प्रेरित करते रहे और उनका लक्ष्य याद कराते रहे। पूरे जीवन काल में उन्होंने अपने शिक्षक के अलावा अपनी गलतियों और असफलताओं से भी सीखने के लिए लोगों को प्रेरित किया है।
अपनी रणनीति बनाएं, उतावले न बनें
भगवान कृष्ण ने सीख दी है कि व्यक्ति को जीवन में सफल होने के लिए अपनी रणनीति बनाकर उसको फॉलो करना चाहिए। किसी काम में उतावलापन ठीक नहीं है। महाभारत युद्ध में पांडवों की जीत उनकी रणनीति का ही परिणाम था। साथ ही उन्होंने हमेशा पांडवों को उतावला होकर युद्ध का ऐलान करने से रोका ताकि वो युद्ध लोलुप न समझें जाएं।
समय परिस्थिति के अनुरूप कार्य करें
श्रीकृष्ण ने हमेशा क्रांतिकारी विचारों की सीख दी है। वे कभी किसी बंधी-बंधाई लीक पर नहीं चले, मौके के अनुसार उन्होंने अपनी भूमिका बदली और अर्जुन के सारथी बनने से भी परहेज नहीं किया। ये भी पढ़ेंः जन्माष्टमी के दिन अर्थ सहित इन 13 वंदना मंत्रों का करें ध्यान, श्री कृष्ण पूरी करेंगे हर मनोकामना दूरदर्शी बनें
इंसान को अपनी दूरदर्शिता से आने वाली हर परिस्थिति का आंकलन करना आना चाहिए। श्री श्रीकृष्ण के जीवन में ऐसे कई प्रसंग मिलते हैं, जिसका उन्होंने पहले ही अनुमान लगा लिया और पहले से ही योजना बना ली। कई बार अपनी दूरदर्शिता से उन्होंने अपनी प्रजा और पांडवों को संकट से बचाया। दूरदर्शिता से जरासंध से जनता को बचाने के लिए राजधानी बदली तो महाभारत युद्ध में भीष्म से ही उनकी मृत्यु का फार्मूला भी जान लिया। फ
अपनी असफलता का आकलन करें
श्रीकृष्ण का कहना है कि हमें मुसीबत के समय या सफलता न मिलने पर हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। इसकी बजाय हार की वजहों को जानने का प्रयास कर उससे आगे बढ़ने का मार्ग सीखना चाहिए। उन्होंने सीख दी है कि समस्याओं का सामना कर कोशिश करने से सफलता निश्चित रूप से मिलती है।
परिस्थिति का सामना करें
मैनेजमेंट गुरु भगवान कृष्ण ने लोगों को अनुशासन से जीवन जीने, व्यर्थ चिंता न करने और भविष्य की बजाय वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करने का मंत्र दिया है। उन्होंने बेकार में चिंता करने की जगह हर परिस्थिति का सामना करने की सीख दी है।
सच्चे और ईमानदार लोगों से दोस्ती करें
भगवान श्री कृष्ण ने सीख दी है कि सच्चे और ईमानदार लोगों से दोस्ती करनी चाहिए। इसी कारण उन्होंने पांडवों का साथ दिया। उन्होंने यह भी सीख दी कि गरीबी और अमीरी के आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए।