भोपाल के ज्योतिषी पं जगदीश शर्मा के अनुसार कार्तिक में स्नान, अनुष्ठान और उपवास का विशेष महत्व है। कार्तिक मास 18 अक्टूबर शुक्रवार से शुरू हो गया है। कार्तिक माह चार महीने तक चलने वाला चातुर्मास का आखिरी महीना है। इस महीने देवउठनी एकादशी आती है, जिसमें भगवान विष्णु चार माह की निद्रा के बाद जागते हैं।
भगवान विष्णु के जागने पर सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य फिर से आरंभ हो जाते हैं। कार्तिक माह में भगवान विष्णु की पूजा-आराधना का विशेष महत्व होता है। कार्तिक माह में करवा चौथ, धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, भैयादौज, छठ, देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह जैसे व्रत-त्योहार खास होते हैं। वहीं पूरे कार्तिक माह दीपदान करने का विशेष महत्व होता है।
कार्तिक माह में ये करें (Kartik me kya karen)
● कार्तिक माह के दौरान हर दिन दान और दीपदान करने से कई गुने शुभ फल की प्राप्ति होती है। ● तुलसी की विधि-विधान के साथ सुबह और शाम को पूजा और दीपक जरूर अर्पित करना चाहिए।
● कार्तिक माह में पवित्र नदियों के तट पर या तालाब आदि में दीपक जरूर जलाना चाहिए। ● कार्तिक मास में प्रतिदिन गीता का पाठ करने से अनंत पुण्यों की प्राप्ति होती है।
● जो भी व्यक्ति इस माह में अन्नदान, दीपदान करता है उस पर कुबेर महाराज भी कृपा होती है। ये भी पढ़ेंः क्यों मनाते हैं धनतेरस, जानें धनतेरस की कहानी और पूजा विधि
कब से कब तक रहेगा कार्तिक माह
स्नान, ध्यान और दीपदान का महीना कार्तिक कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से आरंभ हो जाता है जो कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है। फिर इसके बाद साल के बाकी बचे महीने मार्गशीर्ष, पौष माह और फाल्गुन आते हैं। चैत्र का महीना हिंदी कैलेंडर का पहला महीना होता है। इस वर्ष कार्तिक माह 18 अक्टूबर से आरंभ होकर 15 नवंबर को समाप्त होगा।
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20 अक्टूबर करवा चौथ 24 अक्टूबर अहोई अष्टमी
कब कौन सा पर्व-त्योहार
दिन पर्व-त्योहार
20 अक्टूबर करवा चौथ 24 अक्टूबर अहोई अष्टमी 28 अक्टूबर रमा एकादशी 30 अक्टूबर स्नानदान की अमावस्या 01 नवंबर दीपावली 02 नवंबर अन्नकूट 03 नवंबर भाई दौज 05 नवंबर डाला छठ 06 नवंबर सौभाग्य पंचमी 08 नवंबर भगवान सहस्त्रबाहु जयंती
09 नवंबर छठ पूजा 10 नवंबर आंवला नवमी 12 नवंबर देवउठनी एकादशी 13 नवंबर प्रदोष व्रत 14 नवंबर बैकुंठ चतुर्दशी 15 नवंबर देव दिवाली और कार्तिक स्नान पूर्णिमा