जितिया व्रत के दिन क्या करें और क्या न करें
1. ब्रह्मचर्य का पालन करें
2. लड़ाई-झगड़े से दूर रहें
3. किसी को अपशब्द न कहें और कोई बुरा विचार मन में न आने दें
4. व्रत के दिन पानी बिल्कुल न ग्रहण करें
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जितिया व्रत की कथा
एक कथा के अनुसार महाभारत युद्ध के समय द्रोणाचार्य वध के बाद अश्वत्थामा विचलित थे, क्रुद्ध अश्वत्थामा ने बदला लेने के लिए पांडव पुत्रों की हत्या कर दी। अभिमन्यु की पत्नी के गर्भ में पल रहे शिशु को भी मार डाला। हालांकि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से उसे जीवित कर दिया। इस संतान का नाम जीवित्पुत्रिका रखा गया, ये जीवित्पुत्रिका बाद में राजा परीक्षित के रूप में मशहूर हो गए। तभी से महिलाएं इस दिन संतान की कुशलता के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत रखने लगीं।
जितिया व्रत की कथा
एक कथा के अनुसार महाभारत युद्ध के समय द्रोणाचार्य वध के बाद अश्वत्थामा विचलित थे, क्रुद्ध अश्वत्थामा ने बदला लेने के लिए पांडव पुत्रों की हत्या कर दी। अभिमन्यु की पत्नी के गर्भ में पल रहे शिशु को भी मार डाला। हालांकि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से उसे जीवित कर दिया। इस संतान का नाम जीवित्पुत्रिका रखा गया, ये जीवित्पुत्रिका बाद में राजा परीक्षित के रूप में मशहूर हो गए। तभी से महिलाएं इस दिन संतान की कुशलता के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत रखने लगीं।