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धर्म और अध्यात्म

Janaki Jayanti 2023: जानकी जयंती व्रत से मिलता है अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान, महिलाओं में आता है धैर्य

Sita Navami 2023: वैशाख शुक्ल नवमी तिथि को हर साल सीता नवमी और जानकी जयंती मनाई जाती है। यह तिथि भगवान राम के अवतार के करीब एक माह बाद आती है। इस साल वैशाख नवमी तिथि की शुरुआत 28 अप्रैल शाम 4.01 बजे से हो रही है, जबकि यह तिथि 29 अप्रैल 6.22 पीएम पर संपन्न हो रही है। उदयातिथि में सीता नवमी शनिवार 29 अप्रैल को मनाई जाएगी।

Apr 28, 2023 / 03:20 pm

Pravin Pandey

janaki jayanti 2023 news

सीता के प्रकट होने की कथाः मान्यता है कि वैशाख शुक्ल नवमी के दिन मंगलवार को पुष्य नक्षत्र के दौरान माता लक्ष्मी का जनक के घर सीता के रूप में अवतार हुआ था। मिथिला के राजा जनक की पुत्री होने के कारण इनको जानकी भी कहा जाता है। एक कथा के अनुसार राज्य में वर्षा के निमित्त राजा जनक ने यज्ञ किया था और उसी की प्रक्रिया की अगली कड़ी में खेत जोत रहे थे। इसी दौरान सोने के बर्तन से माता प्रकट हुईं, जुताई किए हुए खेत को सीता भी कहा जाता है। इसलिए राजा जनक ने इनका नाम सीता रखा था।
सीता जयंती पर बन रहे शुभ योग और मुहूर्त
1. अभिजित मुहूर्त 12.10 पीएम से 1.01 पीएम
2. अमृतकाल मुहूर्त 11.00 एएम से 12.47 पीएम
3. रवि योग 12.47 पीएम से 30 अप्रैल 6.11 एएम

जानकी जयंती का महत्वः जानकी जयंती व्रत महिलाएं रखती हैं, यह व्रत महिलाएं परिवार की सुख समृद्धि और पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। मान्यता है कि इस दिन माता सीता की भगवान राम के साथ पूजा करने से सोलह महादान का फल मिलता है, साथ ही पृथ्वी दान का फल मिलता है। इस दिन व्रत पूजा से कई तीर्थ यात्राओं के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है। इससे सौभाग्य बढ़ता है, सभी परेशानियां दूर होती हैं। मान्यता है इस दिन माता सीता के खास मंत्रों के जाप से जीवन में शुभता आती है। महिलाओं में धैर्य, त्याग, ममता, समर्पण जैसे गुण आते हैं, उनका आत्मविश्वास बढ़ता है।
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जानकी जयंती व्रत पूजा विधि
1. स्नान के बाद घर के मंदिर में दीप जलाएं, और व्रत का संकल्प लें।
2. एक चौकी पर भगवान राम सीता की मूर्ति स्थापित करें।
3. भगवान राम और माता सीता का ध्यान करें।
4. राजा जनक-सुनयना और पृथ्वी की भी पूजा करें।

5. जो भी चीजें संभव हों माता सीता को भेंट करें।
6. भगवान और सीता को भोग लगाएं।
7. शाम को माता सीता की आरती के साथ व्रत खोलें।
8. मिट्टी के बर्तन में धान, जल और अन्न भरकर दान करें।
माता सीता के मंत्र (Mata Sita Ke Mantra)
1. श्री सीतायै नमः
2. श्रीसीता रामाय नमः
3. ऊं जानकीवल्लभाय नमः
4. ऊं जानकीरामाभ्यां नमः


5. जयश्री सीताराम
6. श्री सीताय नमः
7. ऊं दाशरथये विद्महे जानकीवल्लभाय धीमहि, तन्नो रामः प्रचोदयात्।

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