1. अभिजित मुहूर्त 12.10 पीएम से 1.01 पीएम
2. अमृतकाल मुहूर्त 11.00 एएम से 12.47 पीएम
3. रवि योग 12.47 पीएम से 30 अप्रैल 6.11 एएम जानकी जयंती का महत्वः जानकी जयंती व्रत महिलाएं रखती हैं, यह व्रत महिलाएं परिवार की सुख समृद्धि और पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। मान्यता है कि इस दिन माता सीता की भगवान राम के साथ पूजा करने से सोलह महादान का फल मिलता है, साथ ही पृथ्वी दान का फल मिलता है। इस दिन व्रत पूजा से कई तीर्थ यात्राओं के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है। इससे सौभाग्य बढ़ता है, सभी परेशानियां दूर होती हैं। मान्यता है इस दिन माता सीता के खास मंत्रों के जाप से जीवन में शुभता आती है। महिलाओं में धैर्य, त्याग, ममता, समर्पण जैसे गुण आते हैं, उनका आत्मविश्वास बढ़ता है।
जानकी जयंती व्रत पूजा विधि
1. स्नान के बाद घर के मंदिर में दीप जलाएं, और व्रत का संकल्प लें।
2. एक चौकी पर भगवान राम सीता की मूर्ति स्थापित करें।
3. भगवान राम और माता सीता का ध्यान करें।
4. राजा जनक-सुनयना और पृथ्वी की भी पूजा करें।
5. जो भी चीजें संभव हों माता सीता को भेंट करें।
6. भगवान और सीता को भोग लगाएं।
7. शाम को माता सीता की आरती के साथ व्रत खोलें।
8. मिट्टी के बर्तन में धान, जल और अन्न भरकर दान करें।
1. श्री सीतायै नमः
2. श्रीसीता रामाय नमः
3. ऊं जानकीवल्लभाय नमः
4. ऊं जानकीरामाभ्यां नमः
5. जयश्री सीताराम
6. श्री सीताय नमः
7. ऊं दाशरथये विद्महे जानकीवल्लभाय धीमहि, तन्नो रामः प्रचोदयात्।