भगवान गणेश के बारह नामों का पाठ संकटनाशक स्तोत्र के नाम से जाना जाता है। इस मंत्र स्तोत्र के चमत्कारी 12 श्रीगणेश नाम स्मरण से पहले भगवान गणेश की पूजा जरूर करें – प्रणम्यं शिरसां देवं गौरीपुत्र विनायकम।
मान्यता के अनुसार भगवान गणेश के अति शुभ बारह नामों का नित्य स्मरण करने वाले व्यक्ति को जीवन में किसी भी प्रकार के संकटों का सामना नहीं करना पड़ता है।
विद्या अध्ययन, विवाह के समय, यात्रा, रोजगार के शुभारम्भ में या अन्य किसी भी शुभ कार्य को करते समय गणेश के बारह नाम लेने से कार्यो की अड़चने दूर हो जाती हैं।
यह हैं भगवान गणपति के 12 नाम…
1. सुमुख – अर्थात सुन्दर मुख वाले, 2. एकदन्त – अर्थात एक दांत वाले, 3. कपिल – अर्थात कपिल वर्ण के, 4. गजकर्ण – अर्थात हाथी के कान वाले, 5. लम्बोदर – अर्थात लम्बे पेट वाले, 6. विकट – अर्थात विपत्ति का नाश करने वाले, 7. विनायक – अर्थात न्याय करने वाले, 8. धूम्रकेतु – अर्थात धुये के रंग वाली पताका वाले, 9. गणाध्यक्ष- अर्थात गुणों के अध्यक्ष, 10. भालचन्द्र – अर्थात मस्तक में चन्द्रमा धारण करने वाले, 11. गजानन – अर्थात हाथी के समान मुख वाले, 12. विघ्रनाशन – अर्थात विघ्नों को हरने वाले।
मनोकामना सिद्धि के लिए यह हैं विशेष गणेश मंत्र…
भगवान गणेश जी देवताओं में सबसे पहले पूजे जाते है। उनकी उपासना बहुत ही सरल है और वह अपने भक्तो पर अति शीघ्र प्रसन्न हो जाते है।
शास्त्रों में अलग-अलग मनोकामनाओं के लिए गणेश जी के कई सिद्ध मन्त्र दिए हुए हैं। माना जाता है यदि इनका पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के जाप किया जाए तो शीघ्र ही अभीष्ट लाभ की प्राप्ति होती है।
“ऊँ गणेश ऋणं छिन्धि वरणयं हुं नम: फट”
इस मंत्र की एक माला का नित्य जाप करें।
“ऊँ नमो हेरम्ब मदमोहित मम संकटान निवारय स्वाहा”
इस मंत्र की 1 माला का नित्य जाप करें। वशीकरण के लिए
“ऊँ श्रीं गं सौम्याय गणपते वरवरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा”
निम्न मंत्र की 5 माला का जाप करें।
“गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:”
मंत्र की कम से 2 माला का जाप करें। धन व आत्मबल प्राप्ति के लिए
“ऊँ गं नम:”
इस मंत्र की एक माला का नित्य जाप करें।
“ऊँ श्रीं गं सौभ्याय गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा” इस मंत्र की एक माला का नित्य जाप करें।
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सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए-
“गं गणपते नम:”
इस मंत्र की एक माला का नित्य जाप करें।
बुधवार को श्री गणेश की पूजा और पाएं अर्शीवाद…
बुधवार को श्री गणेश की पूजा बुध ग्रह को बल प्रदान करती है। ऐसे में बुध ग्रह की अशुभ स्थिति में सुधार के लिए श्रीगणेश का पूजन विशेष सफलता दिलाने वाला माना जाता है।
ऐसे करें श्री गणेश का पूजन…
इस दिन श्रीगणेश को सिंदूर, चंदन, यज्ञोपवीत, दूर्वा, लड्डू या गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाएं। साथ ही धूप व दीप लगाकर आरती करें।
पूजन में इस मंत्र का जप करें
मंत्र- प्रातर्नमामि चतुराननवन्द्यमानमिच्छानुकूलमखिलं च वरं ददानम्।
तं तुन्दिलं द्विरसनाधिपयज्ञसूत्रं पुत्रं विलासचतुरं शिवयो: शिवाय।।
प्रातर्भजाम्यभयदं खलु भक्तशोकदावानलं गणविभुं वरकुञ्जरास्यम्।
अज्ञानकाननविनाशनहव्यवाहमुत्साहवर्धनमहं सुतमीश्वरस्य।।
इस मंत्र का अर्थ यह है कि मैं ऐसे देवता का पूजन करता हूं, जिनकी पूजा स्वयं ब्रह्मदेव करते हैं। ऐसे देवता, जो मनोरथ सिद्धि करने वाले हैं, भय दूर करने वाले हैं, शोक का नाश करने वाले हैं, गुणों के नायक हैं, गजमुख हैं, अज्ञान का नाश करने वाले हैं। मैं शिव पुत्र श्री गणेश का सुख-सफलता की कामना से भजन, पूजन और स्मरण करता हूं।
ये भी हैं उपाय
1. बुधवार को सुबह जल्दी स्नान आदि कर्मों से निवृत्त होकर गणेश जी के मंदिर जाएं और श्री गणेश को दूर्वा अर्पित करें। दूर्वा की 11 या 21 गांठ अर्पित करना चाहिए।
2. गाय को हरी घास खिलाएं। शास्त्रों के अनुसार गाय को पूजनीय और पवित्र माना गया है। गौ माता की सेवा करने वाले व्यक्ति पर सभी देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।
3. किसी ज़रुरतमंद व्यक्ति को या किसी मंदिर में हरे मूंग का दान करें। मूंग बुध ग्रह से संबंधित अनाज है। इसका दान करने से बुध ग्रह के दोष शांत होते हैं।
4. श्री गणेश को मोदक का भोग लगाएं।
मनोकामना सिद्धि के लिए चार भुजाधारी स्वरूप पूजनीय
हिन्दू धर्मशास्त्रों के मुताबिक कलियुग में भगवान गणेश के धूम्रकेतु रूप की पूजा की जाती है। जिनकी दो भुजाएं है। किंतु मनोकामना सिद्धि के लिए आस्था से भगवान गणेश का चार भुजाधारी स्वरूप पूजनीय है। जिनमें से एक हाथ में अंकुश, दूसरे हाथ में पाश, तीसरे हाथ में मोदक व चौथे में आशीर्वाद है। इनमें खासतौर पर श्री गणेश के हाथ में मोदक प्रतीक रूप में जीवन से जुड़े संदेश देता है।
बुधवार के स्वामी बुध ग्रह भी है, जो बुद्धि के कारक भी माने जाते हैं। इस तरह बुद्धि प्रधानता वाले दिवस पर बुद्धि के दाता श्री गणेश को मोदक का भोग लगाकर कि जाने वाली पूजा- प्रखर बुद्धि व संकल्प के साथ सुख-सफलता व शांति की राह पर आगे बढऩे की प्रेरणा व ऊर्जा देती है।
ज्योतिषीय मापदंड के अनुरूप दूर्वा छाया गृह केतु को संबोधित करती है। गणपति जी धुम्रवर्ण गृह केतु के अधिष्ट देवता है तथा केतु गृह से पीडि़त जातकों को गणेशजी को 11 अथवा 21 दूर्वा का मुकुट बनाकर गणेश कि मूर्ति/प्रतिमा पर जातक बुधवार कि सायं 4 से 6 बजे के बीच सूर्यास्त पूर्व गणेशजी को अर्पित करना हितकारी रहता है।
बिगड़े काम बनाने के लिए बुधवार को गणेश मंत्र का स्मरण करें-
‘त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय। नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम।’
अर्थात भगवान गणेश आप सभी बुद्धियों को देने वाले, बुद्धि को जगाने वाले और देवताओं के भी ईश्वर हैं। आप ही सत्य और नित्य बोधस्वरूप हैं। आपको मैं सदा नमन करता हूं।
मुख्य दरवाजे पर गणेशजी की प्रतिमा लगाएं
बुधवार के दिन घर में सफेद रंग के गणपति की स्थापना करने से समस्त प्रकार की तंत्र शक्ति का नाश होता है व ऊपरी हवा का असर भी नहीं होता। धन की कामना के लिए बुधवार के दिन श्री गणेश को घी और गुड़ का भोग लगाएं। थोड़ी देर बाद घी व गुड़ गाय को खिला दें। ये उपाय करने से धन संबंधी समस्या का निदान हो जाता है।
परिवार में कलह कलेश हो तो बुधवार के दिन दूर्वा के गणेश जी की प्रतिकात्मक मूर्ति बनवाएं। इसे अपने घर के देवालय में स्थापित करें और प्रतिदिन इसकी विधि-विधान से पूजा करें। घर के मुख्य दरवाजे पर गणेशजी की प्रतिमा लगाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। कोई भी नकारात्मक शक्ति घर में प्रवेश नहीं कर पाती इसलिए घर के मुख्य द्वार पर गणेशजी की प्रतिमा लगानी चाहिए।