लेकिन सनातन धर्म ग्रंथों में ऐसे योग, ध्यान, साधना और मंत्र की खोज की गई है, जिनके अभ्यास से जीवन को लंबा और सुखी बनाया जा सकता है। हमारे ग्रंथों में कुछ ऐसे मंत्रों की जानकारी दी गई है, जिनका नियमित जाप किया जाए तो गंभीर रोगों से भी राहत पाई जा सकती है, और इन मंत्रों की शक्ति हमारी जिजीविषा, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर कई सामान्य बीमारियों से बचाव का कवच प्रदान करती है। हालांकि साथ में आधुनिक दवाओं को भी खाना होगा। आइये जानते हैं ऐसे ही चमत्कारिक रोग नाश करने वाले मंत्रों की शक्ति के बारे में..
cervical cancer anidra migrane वैदिक ग्रंथों में बीज मंत्र ओम की महिमा का तो बखान किया ही गया है, आधुनिक अध्ययन भी इनको प्रमाणित करते हैं। माना जाता है कि पेट की गहराइयों से निकलने वाले इस सुर को सही योगासन के साथ किया जाए तो कई समस्याओं से निजात दिलाता है। मस्तिष्क को आराम देने के साथ साथ ये एक शब्द का मंत्र श्वास की नली को साफ करता है। साथ ही डाइजेशन को ठीक रखने वाला भी माना जाता है।
एक अध्ययन में कहा गया है कि मंत्र साधना सबसे सरल और सबसे प्रभावी ध्यान प्रथाओं में से एक है। साथ ही यह तनाव, चिंता, उच्च रक्तचाप और प्रतिरक्षा क्षेत्रों पर विभिन्न स्तर के लाभकारी प्रभाव प्रदान कर सकता है। हालांकि इसके साथ ही चिकित्सा विज्ञान का भी साथ लेना चाहिए और अपनाने के साथ डॉक्टर की सलाह जरूर ली जानी चाहिए। दवा के साथ मंत्रों की हीलिंग पावर जुड़ जाए तो राहत की उम्मीद बंध जाती है। आइये जानते हैं कि किस मंत्र से किस रोग के लिए हीलिंग पावर मिलती है और कौन से असाध्य रोग दूर करने का मंत्र कौन सा है..
रक्तचाप नियंत्रण के लिए
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार अच्छी सेहत के लिए सिर्फ सोहम मंत्र का जाप ही बहुत फायदा देने वाला है। वहीं एक अन्य छोटा मंत्र ।। हृीं॥ का रोजाना एक माला जाप रक्तचाप नियंत्रण में कारगर होगा। इसके अलावा एक अन्य मंत्र ॥ ॐ भवानी पादुरंगा॥ का रोजाना सुबह खाली पेट कम से कम 21 बार जाप आपके काम आ सकता है।शुगर पेशेंट जपें ये मंत्र
मान्यता के अनुसार शुगर पेशेंट्स को भी बीपी मरीजों की तरह ॥हृीं॥ मंत्र का जाप वज्रासन में बैठकर करना चाहिए। इस दौरान आपका सारा ध्यान नाभि पर केंद्रित होना चाहिए। इस मंत्र का जाप जोर से बोलकर भी लाभ देने वाला होता है। मान्यता है कि इस मंत्र के उच्चारण से नाभि पर दबाव पड़ता है, जो शरीर में बैलेंस बनाते हैं और टॉक्सिन रिलीज कर देते हैं। ये भी पढ़ेंः Aashadh Ke Niyam: आषाढ़ महीने में जपें ये 4 मंत्र कभी नहीं होगी धन धान्य की कमी
स्ट्रेस और थकान दूर करते हैं ये मंत्र
दिन भर ऑफिस के काम का स्ट्रेस है या थकान हो गई है तो आप ॥लं॥ मंत्र का पांच माला जाप करें। वैसे कुछ देर इस मंत्र का जाप ही थकान मिटा देगा।डाइजेशन और बुखार का रामबाण उपाय
अगर आप अपच यानी डाइजेशन से जुड़ी समस्या से ग्रस्त रहते हैं तो वज्रासन में बैठे कर ॥ॐ॥ का जाप करें। इस मंत्र के अलावा आप ॥रं॥ मंत्र का भी जाप कर सकते हैं। अगर किसी को तेज बुखार है तो एक मंत्र सुनाने से भी फायदा होता है। दवा के साथ-साथ उसे ॐ नमो भगवते रूद्राय का जाप सुनाना चाहिए।घातक रोग के लिए शिवजी का रोग नाशक मंत्र
भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र को मृत्यु पर विजय पाने वाला भी माना जाता है। एक कथा के अनुसार चंद्र देव को क्षय रोग (टीबी) से मुक्ति इसी मंत्र के जाप और शिव पूजा से मिली थी। वहीं इसी मंत्र के प्रभाव से ऋषि मृत्युंजय दीर्घजीवी बने थे जानिए शिवजी का रोगनाशक महामृत्युंजय मंत्र॥ओम त्र्यंबकं यजामहे, सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम्
उर्वारूक्मिव बंधनात्, मृर्त्योमोक्षीयमामृतात्॥ ये भी पढ़ेंः Hanuman Ji Ki Priy Rashi: हनुमानजी की ये हैं प्रिय राशियां, ये उपाय करने पर मनोकामना करते हैं पूरी
माइग्रेन से छुटकारा दिलाने वाले मंत्र
माइग्रेन होने पर भगवान शिव के मंत्र का जाप करना चाहिए। आपको अगर माइग्रेन की तकलीफ रहती है तो नियम से ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। इससे दिमाग में शांति रहेगी।हृदय से जुड़े रोग का रामबाण उपाय
हृदय से जुड़े किसी रोग से घिरे हैं तो सुखासन में बैठकर रोज ॐ नम: शिवाय: का मंत्र का जाप करें। इससे दिल की धड़कने सामान्य रहेंगी।अनिद्रा की समस्या से छुटकारा
ऐसे लोग जिन्हें अनिद्रा की समस्या है या फिर नींद बीच बीच में खुल जाती है उन्हें सोते समय पलंग पर लेट कर ॐ अगस्ती शयीना: मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे सुकून भरी नींद आएगी।गंभीर बीमारी से मुक्ति का उपायः ऋग्वेद का मंत्र और गायत्री मंत्र (कम से कम पांच माला)समेत यह मंत्र गंभीर बीमारियों में राहत देता है।
हृदय रोग से मुक्ति के लिए ऋग्वेद का मंत्र (सुबह उठकर सूर्य के सामने पढ़ें)
1. क्क घन्नघ मित्रामहः आरोहन्नुत्तरां दिवम्।
हृद्रोग मम् सूर्य हरि मांण् च नाश्यं’ का जप करें।
2. ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्। ये भी पढ़ेंः Name Astrology: अपने मन की बात नहीं बता पाते इस नाम के लोग, व्यापार और राजनीति में मिलता है मुकाम
अच्छी सेहत के लिए दुर्गासप्तशती का मंत्र
अच्छी सेहत के लिए दुर्गासप्तशती में भी कई मंत्र बताए गए हैं। इसके लिए प्रातःकाल उठकर स्नानादि करें और फिर एक ऊनी आसन बिछाकर मां दुर्गा के समक्ष इस मंत्र का एक माला यानी 108 बार जाप करें। जाप के बाद अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करें, पढ़ें मंत्र देहि सौभाग्यमारोग्यं, देहि मे परमं सुखं।
रूपं देहि, जयं देहि, यशो देहि, द्विषो जहि।
‘क्क जूं सः माम्पालय पालय सः जूं क्क’
रूपं देहि, जयं देहि, यशो देहि, द्विषो जहि।
आरोग्यता के लिए शिवजी का मंत्र
ज्योतिष के अनुसार आरोग्यता प्राप्त करने के लिए भगवान शिव के इस मंत्र का जाप करना बहुत फायदेमंद रहता है। इस मंत्र का जाप ऊन के आसन पर उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना है। सबसे पहले भगवान शिव के समक्ष दीपक प्रज्वलित करें और फिर रूद्राक्ष की माला से कम से कम एक माला जप करें। इस मंत्र के प्रभाव से हर तरह की शारीरिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।‘क्क जूं सः माम्पालय पालय सः जूं क्क’
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं।patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।)