भगवान हनुमान का जन्मकाल
मान्यता के अनुसार हनुमान जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा पर मंगलवार के दिन सूर्योदय के बाद हुआ था। उनका जन्म चित्रा नक्षत्र और मेष लग्न में हुआ था। इनके माता का नाम अञ्जना और पिता का नाम वानरराज केसरी था। उन्हें वायुदेव के पुत्र के रूप में जाना जाता है। ये भी पढ़ेंः Hanumanji: हनुमानजी के 108 नाम, अर्थ और 108 मंत्र, पढ़ें हनुमान अष्टोत्तर शतनामावली हनुमानजी का स्वरूप
धार्मिक ग्रंथों में भगवान हनुमान का स्वरूप वानर के समान बताया गया है। उन्हे लाल वर्ण वाला और वानर के सामान एक घुमावदार पूंछ के साथ चित्रित किया जाता है। उन्हें गदा धारण किए हुए दर्शाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान हनुमान ने महिरावण नामक दैत्य का संहार करने के लिए पञ्चमुखी अवतार धारण किया था। पञ्चमुखी अर्थात् हनुमान जी का पांच मुखों वाला स्वरूप, इसमें उत्तर दिशा की ओर श्री वराह, दक्षिण दिशा की ओर श्री नरसिंह, पश्चिम दिशा की ओर श्री गरुण, आकाश की ओर श्री हयग्रीव तथा पूर्व दिशा की ओर स्वयं हनुमान जी का श्रीमुख होता है।
हनुमान जी का मूल मंत्र
ॐ श्री हनुमते नमः॥
हनुमानजी के देवालय कहां-कहां हैं
हनुमान जी को समर्पित सर्वाधिक लोकप्रिय मंदिरों में ये शामिल हैं-