ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर यंत्र की आकृति, उस पर अंकित चिन्हों और अंकों का विशेष महत्व होता है। इसलिए यंत्र लेते समय इस बात की पुष्टि कर लें कि वो सही तरीके से बना है या नहीं, क्योंकि गलत तरीके से बनी यंत्र की पूजा से कोई फल नहीं मिलता।
यदि आप घर में श्रीयंत्र की स्थापना कर रहे हैं तो इसे भी अपने घर के पूजा स्थल में स्थापित करें और नियम से रोजाना अन्य देवी-देवताओं के साथ इस यंत्र की पूजा करें। खासतौर पर शुक्रवार के दिन लक्ष्मी माता के साथ श्रीयंत्र की पूजा जरूर करें।
श्रीयंत्र की पूजा के साथ नियमित रूप से ‘श्री महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करने से मां लक्ष्मी की खास कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
कैसे करें श्रीयंत्र की स्थापना-
श्रीयंत्र को स्थापित करने के लिए किसी ज्योतिषी या विद्वान से शुभ मुहूर्त की जानकारी ले लें। इसके बाद उस मुहूर्त वाले दिन सुबह जल्दी स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें। इसके पश्चात यंत्र को गंगाजल और पंचामृत से शुद्ध कर लें। फिर ईशान कोण में एक लाल कपड़े के ऊपर इस यंत्र को स्थापित करें। खासतौर पर इस बात का ख्याल रखें कि श्रीयंत्र की स्थापना के समय आपका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)