गंगा दशहरा 2022 शुभ मुहूर्त: 9 जून, गुरुवार को सुबह 4 बजकर 32 मिनट से लेकर 10 जून, शुक्रवार को प्रातः काल 4 बजकर 25 मिनट के मध्य।
गंगा दशहरा पूजा विधि: गंगा दशहरा के दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा नदी में स्नान करने को बहुत महत्व दिया गया है। लेकिन यदि यह संभव ना हो तो घर में ही स्नान के समय पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिला लें। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर गंगा माता की प्रतिमा या तस्वीर को दूध और गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद चंदन, अक्षत, फल, फूल और नारियल अर्पित करें। गंगा दशहरा के दिन विष्णु भगवान की पूजा का भी विधान है। पूजा के बाद “ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः” मंत्र का जाप करें। इसके अलावा इस दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन, पानी से भरा घड़ा, मौसमी फल आदि का दान बहुत पुण्यदायी माना जाता है।
गंगा दशहरा का महत्व: मां गंगा को सभी नदियों में सबसे अधिक पूजनीय माना जाता है। वहीं सनातन परंपरा के अनुसार गंगा नदी को त्रिपथगा भी कहते हैं। मान्यता है कि गंगा नदी के पवित्र जल की एक बूंद से ही व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होकर उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान और पूजा को बहुत महत्व दिया गया है।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)