कैसे मनाया जाता है गणेश चतुर्थी पर्व? मान्यता है भगवान गणेश का जन्म दोपहर के आसपास हुआ था इसलिए गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त भी दोपहर के आसपास ही होता है। गणेश उत्सव के दौरान प्रतिदिन शाम को भगवान गणेश की आरती की जाती है। फिर अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी की प्रतिमा की विधि विधान पूजा करने के बाद उनके यथास्थान से हटाकर उन्हें ढोल नगाड़ों के साथ विसर्जित किया जाता है। हालांकि कई लोग अनंत चतुर्दशी से पहले भी गणपति विसर्जन कर देते हैं। बता दें कि गणपति विसर्जन गणेश चतुर्थी के डेढ़, तीन, पांच या सात दिन के बाद भी किया जा सकता है। ये उत्सव मुख्य तौर पर महाराष्ट्र में मनाया जाता है। वहां के कई लोग गणेश जी की प्रसिद्ध मूर्तियों के विसर्जन में शामिल होना पसंद करते हैं।
गणेश चतुर्थी 2022 शुभ मुहूर्त (31 अगस्त 2022)
गणेश पूजा के लिए मध्याह्न मुहूर्त: 11:04 AM से 01:37 PM
अवधि: 2 घंटे 33 मिनट
चाँद को कब नहीं देखना है: 31 अगस्त, 2022 को 09:26 AM से 09:10 PM के बीच
गणेश चतुर्थी 2022 पूजन विधि
-सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
-घर में गणपति जी की मूर्ति स्थापित करने से पहले नियमानुसार अनुष्ठान करें।
-एक चौकी लें और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। फिर उस पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें।
-फिर भगवान की मूर्ति के सामने बैठकर पूजा शुरू करें। पूजा के समय आपका मुख पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए।
-सबसे पहले गणेश जी की मूर्ति को गंगाजल से पवित्र करें। फिर प्रतिमा को फूल, दूर्वा आदि अर्पित करें।
-इसके बाद गणेश जी को मोदक अर्पित करें।
-फिर अगरबत्ती और धूप जलाकर गणेश जी की आरती करें।