-भगवान गणेश की मूर्ति घर में स्थापित कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी दक्षिण दिशा की तरफ प्रतिमा का मुख न करें और न ही दक्षिण कोने में मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणपति की मूर्ति स्थापित करने के लिए उत्तर पूर्व यानी ईशान कोण दिशा सबसे उत्तम मानी जाती है।
-भगवान गणेश की पूजा में जब आप कोई दीपक जलाते हैं तो उस दीपक का स्थान बार-बार न बदलें और न ही उसे गणेश जी के सिंहासन पर दीपक को रखें। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है।
-गणेश चतुर्थी की प्रतिमा स्थापित करने के बाद घर को कभी अकेला न छोड़ें। वहां पर कोई न कोई अवश्य होना चाहिए।
-गणेश जी की पूजा में भूल से भी तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। पौराणिक मान्यता है कि गणेश जी ने तुलसी को श्राप दिया था और अपनी पूजा से वर्जित कर दिया था।
-गणेश उत्सव के दौरान गणपति बप्पा की मूर्ति इस तरह से स्थापित करें जिससे गणेश जी की पीठ का दर्शन न हो। हिंदू मान्यता अनुसार पीठ का दर्शन करने से दरिद्रता आती है।
-गणेश जी की प्रतिमा घर में स्थापित करने के बाद उसकी रोजाना सुबह-शाम विधि विधान पूजा करें और भोग लगाएं। गणेश जी की आरती जरूर करें।