1. यदि ग्रहण लगने वाला है और आपने भोजन बनाकर रख दिया है तो उसमें तुलसी के कुछ पत्ते डाल देना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से भोजन पर ग्रहण का दुष्प्रभाव नहीं होता है।
2. साथ में ज्योतिष आचार्यों के मुताबिक ग्रहण के 12 घंटे पहले और 12 घंटे बाद तक सूतक काल की अवधि में कुछ भी खाने-पीने से बचें, क्योंकि इससे शरीर के तापमान में वृद्धि होती है और आपको पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि रोगी, वृद्ध लोग, छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाएं ग्रहण के 4 घंटे पूर्व तक खा-पी सकते हैं।
3. माना जाता है कि ग्रहण के दौरान सूर्य देव पर संकट आता है, इसलिए सूर्य को देखने और घर से बाहर निकलने की भी मनाही होती है। इसके अलावा तेल मालिश करना, दातुन और संभोग करने जैसे कार्यों को करने से भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मान्यता है कि इन कामों को करने से आपको त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
4. सूर्य ग्रहण के दौरान पहने हुए कपड़े अशुद्ध माने जाते हैं। इसलिए ग्रहण की समाप्ति पर कपड़ों सहित स्नान कर लेना चाहिए। वहीं ध्यान रखें कि सूतक काल प्रारंभ होते ही अपने ऊपर गंगाजल के छींटे मार लेने चाहिएं।
5. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण अवधि में फूल, पत्ती या लकड़ी आदि को तोड़ना भी गलत माना जाता है। साथ ही किसी से झूठ बोलना, छल करना, चोरी चकारी करना भी पाप माना गया है।
6. इस अवधि में मांसाहारी भोजन और अंडे का सेवन भी वर्जित माना गया है। अन्यथा माना जाता है कि इससे व्यक्ति का एकत्रित पूरा पुण्य नष्ट हो जाता है।
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