आज इनसे जुड़ी मान्यता के बारे में ही बता रहे हैं, जिसके कारण जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है। इसके अलावा महिला और पुरुष कई तरह की कामनाओं को लेकर भी इन वृक्षों की पूजा करते हैं और अपनी कामना पूर्ति के लिए अलग-अलग पेड़ पौधों की अलग-अलग नियमों का ध्यान रखते हुए कलावा बांधते हैं।
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1. शनिवार के दिन लोग अक्सर पीपल के पेड़ की पूजा करते देखे जाते हैं और इसके नीचे दीया जलाते हैं। मान्यता है कि इस पेड़ में कलावा बांधते हैं तो घर में सकारात्मकता रहती है और सुख शांति आती है।
2. मान्यता है कि तुलसी के पौधे में कलावा बांधते हैं तो घर में सकारात्मक ऊर्जा रहती है। इससे घर के किसी भी सदस्य पर विपत्ति नहीं आती।
पेड़ों को कलावा बांधने के ये हैं कारण
1. शनिवार के दिन लोग अक्सर पीपल के पेड़ की पूजा करते देखे जाते हैं और इसके नीचे दीया जलाते हैं। मान्यता है कि इस पेड़ में कलावा बांधते हैं तो घर में सकारात्मकता रहती है और सुख शांति आती है।
2. मान्यता है कि तुलसी के पौधे में कलावा बांधते हैं तो घर में सकारात्मक ऊर्जा रहती है। इससे घर के किसी भी सदस्य पर विपत्ति नहीं आती।
3. शमी के पेड़ में भी कलावा बांधने की परंपरा है। कहा जाता है कि शमी के पेड़ की पूजा और उसमें कलावा बांधने से शनि देव की कृपा बनी रहती है। यदि कुंडली में राहु दोष है तो ऐसा करने से उसका दुष्प्रभाव कम होता है।
4. बरगद के पेड़ में कलावा बांधने से माना जाता है कि उनका दांपत्य जीवन सुखमय बनता है। इसके साथ ही ऐसा करने से संतान की प्राप्ति होती है। इसके अलावा पति को लंबी उम्र की प्राप्ति की कामना से भी महिलाएं बरगद के पेड़ में कलावा बांधती हैं।
5. मान्यता है कि केले के पेड़ में कलावा बांधने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। यदि कोई भक्त बृहस्पतिवार के दिन ऐसा करता है तो इसका अधिक लाभ मिलता है।