वहीं दूसरी ओर तमाम दावों के बीच अभी तक यह भी किसी को नहीं पता है कि इसका इलाज कब मिलेगा और कब इस बीमारी से मुक्ति relief from Corona virus मिल पाएगी। वहीं दूसरी ओर ज्योतिषीय आंकलन की बात करें तो ज्योतिष के जानकारों के अनुसार 26 अगस्त से पहले तक इसके निदान के लिए कोई न कोई दवा या टीका आने की पूरी संभावना है। इसके बाद महामारी के खात्मे की दिशा में दुनिया आगे बढ़ने लगेगी।
वहीं ज्योतिष के जानकार सुनील शर्मा के अनुसार यदि ग्रह नक्षत्रों की चाल की बात करें तो सितंबर relief from corona virus date अंत तक कोरोना लगभग पूरी तरह से कंट्रोल में आ जाएगा। वहीं इसके कंट्रोल में आने के लिए सबसे सटीक दिन जो दिख रहा है उसके अनुसार रविवार यानि सूर्यदेव के दिन 27 सितंबर इस बीमारी के खात्में के लिए सर्वाधिक उप्युक्त दिन दिख रहा है।
पंडित शर्मा के अनुसार ऐसा नहीं कि इस दिन के बाद कोरोना के केस सामने नहीं आएंगे, लेकिन वे एक्का दुक्का में ही होंगे। उनके अनुसार इस अप्रत्यक्ष बीमारी, जो दिखाई नहीं देती है, के मामले में जो बातें सामने आईं हैं,
उसके अनुसार इस बीमारी के आने से लेकर फैलाव तक पर मुख्य प्रभाव राहु (राहु के कारण फैली बीमारियों के संबंध में शास्त्रों में यहां तक कहा गया है कि इस तरह की बीमारी का इलाज जब भी राहु मंगल के नक्षत्र में जाता है, तब मिलता है) के अलावा केतु के साथ ही शनि व आर्द्रा जैसे नक्षत्रों का असर भी दिख रहा है। वहीं 19 दिसंबर 2019 को शनि भी अपने नक्षत्र को परिवर्तित करते हुए सूर्य के नक्षत्र में प्रवेश कर गए थे।
ऐसे में इसके ठीक बाद 26 दिसंबर 2019 को सूर्य का संबंध राहु से होने से यह बीमारी सामने आ गई। इसके पश्चात यह बीमारी यह बीमारी फरवरी 2020 के शुरुआती दिनों तक सीमित स्थानों पर ही अपना प्रभाव दिखा पा रही थी, लेकिन जैसे ही यहां केतु का केतु के नक्षत्र में ही प्रवेश हुआ, फिर केतु के हवा यानि फैलाने के प्रभाव के फलस्वरूप यह और बढ़ता ही गया।
ऐसे में अब बीमारी का प्रमुख दोषी ग्रह राहु परिवर्तन कर 23 सितंबर 2020 को वृश्चिक राशि यानि मंगल की राशि में आ जाएगा। वहीं 29 सितंबर को शनि मार्गी हो जांएगे। शनि के मार्गी होने पर पुन: आपके कार्यों में तेजी आनी शुरू हो जाएगी व पिछले समय से जो चीजें आपकी रुक (कोरोना के चलते) गई थीं, वे तेजी से आगे बढ़ती हुई दिखाई देंगी।
वहीं अर्थव्यवस्था के मामले में नवंबर खास करेंगा क्योंकि 20 नवंबर को गुरु दोबारा मकर राशि में आ जाएंगे, और उनके मकर में आते ही कई योजनाएं सफल होनी शुरू हो जाएंगी।
पंडित शर्मा के अनुसार कोरोना के तकरीबन चले जाने (27 सितंबर 2020) के बाद भी सतर्क रहना ही होगा, उसका कारण ये है कि इस वर्ष की शुरुआत में सुख स्थान में राहु विराजमान रहा। ऐसे में यहां पर राहु का होना आपको थोड़ा भ्रमित भी कर सकता है, ऐसे में किसी भी समस्या से बचने को लेकर आपको सतर्क रहना होगा।