धर्म और अध्यात्म

Deepawali 2024: पांच नहीं छह दिन का है दीपोत्सव, देखें पूरा कैलेंडर

Deepawali 2024: धनतेरस से शुरू होने वाला दीपोत्सव इस साल पांच नहीं 6 दिनों का होगा। ऐसे में आइये जानते हैं कब मनेगी दिवाली 2024 और देखें पूरा कैलेंडर …

जयपुरOct 21, 2024 / 08:18 am

Pravin Pandey

Deepawali 2024 Festival: दीपावली 2024

Deepawali 2024: हिंदुओं का प्रमुख त्योहार दिवाली 2024 करीब है। इस पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है और भैयादूज के बाद यह उत्सव संपन्न होता है। जिसका मुख्य दिन दीपावली 2024 है। इस दिन घर दीपक से सजाए जाते हैं और लक्ष्मी, गणेश, कुबेर आदि की पूजा की जाती है। हालांकि इस साल दीपोत्सव पांच नहीं छह दिन का है, जिसका मुख्य पर्व कार्तिक अमावस्या यानी दिवाली है।

मान्यता है कि कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर भगवान श्री राम 14 वर्षों का वनवास काटकर और लंका पर विजय करने के बाद अयोध्या लौटे थे। इसी की खुशी में सारे अयोध्यावासियों ने पूरे नगर को दीप जलाकर उत्सव मनाया था। इसी कारण से तब से ये परंपरा चली आ रही है। आइये जानते हैं कब है दीपोत्सव का मुख्य पर्व दीपावली और पूरा दीपावली कैलेंडर ..

धर्म सिंधु की गाइडलाइन

ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि धार्मिक ग्रंथ धर्म सिंधु के पुरुषार्थ चिंतामणि में तिथि निर्धारण के लिए गाइड लाइन बनाई गई है। इसके अनुसार अमावस्या के निर्धारण के लिए पहले दिन प्रदोष की व्याप्ति हो और दूसरे दिन तीन प्रहर से अधिक समय तक अमावस्या हो (चाहे दूसरे दिन प्रदोष व्याप्त न हो) तो पूर्व दिन की अमावस्या (प्रदोष व्यापिनी और निशिथ व्यापिनी अमावस्या) की अपेक्षा से प्रतिपदा की वृद्धि हो तो लक्ष्मी पूजन आदि भी दूसरे दिन करना चाहिए।

इस निर्णय के अनुसार चूंकि अधिकतर पंचांग में 1 नवंबर को अमावस्या 03 प्रहर से अधिक समय तक है और अन्य दृश्य पंचांगों में भी इस तिथि की प्रदोष में व्याप्ति है। इसलिए इसी दिन लक्ष्मी पूजन और दीपावली शास्त्र सम्मत है। इसे और स्पष्ट करते हुए धर्म सिन्धु में कहा गया है कि दूसरे दिन अमावस्या भले ही प्रदोष में न हो लेकिन अमावस्या साढ़े तीन प्रहर से अधिक हो तो दूसरे दिन ही लक्ष्मी पूजन सही है अर्थात् गौण प्रदोष काल में भी दूसरे दिन अमावस्या हो तो दीपावली दूसरे दिन ही शास्त्र सम्मत है ।

निर्णय सिंधु का नियम

ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि निर्णय सिंधु प्रथम परिच्छेद के पृष्ठ संख्या 26 पर निर्देश है कि जब तिथि दो दिन कर्मकाल में विद्यमान हो तो निर्णय युग्मानुसार करें। इस के लिए अमावस्या प्रतिपदा का योग शुभ माना गया है अर्थात अमावस्या को प्रतिपदा युक्त ग्रहण करना महाफलदायी होता है। निर्णय सिंधु के तृतीय परिच्छेद के पृष्ठ संख्या 300 पर लेख है कि यदि अमावस्या दोनों दिन प्रदोष को स्पर्श न करे तो दूसरे दिन लक्ष्मी पूजन करना चाहिए। इसमें यह अर्थ भी अंतर निहित है कि अमावस्या दोनों दिन प्रदोष को स्पर्श करें तो लक्ष्मी पूजन दूसरे दिन करना चाहिए।

अमावस्या दो दिन तक, लेकिन 1 नवंबर को दीपावली

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर -जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार अमावस्या 31 अक्टूबर को दोपहर 3:53 बजे से शुरू होकर 1 नवंबर की शाम 6:17 तक रहेगी। ऐसे में अमावस्या की तिथि के दौरान दो दिन प्रदोष काल रहेगा। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बाद एक घड़ी से अधिक अमावस्या होने पर यह पर्व मनाया जा सकता है।
1 नवंबर को सूर्यास्त शाम 5:40 बजे होगा। इसके बाद 37 मिनट तक अमावस्या रहेगी। ग्रंथों में इस बात का जिक्र है कि जिस दिन प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के वक्त अमावस्या हो तब लक्ष्मी पूजन किया जाना चाहिए। इस बात का ध्यान रखते हुए दीपावली 1 नवंबर को ही मनाएं।

सूर्य और चंद्रमा एक साथ एक ही राशि और अंश में रहेंगे


भविष्यवक्ता डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि दीपावली के दिन सूर्य और चंद्रमा एक साथ एक ही राशि औ अंश में रहते हैं। जो पिछले कई सालों से चला रहा है। इस बार 1 नवंबर की अगर कुंडली देखी जाए तो सूर्य और चंद्रमा इसी दिन एक ही राशि और एक ही अंश में रहेंगे। शुक्रवार 1 नवंबर को प्रदोष काल में सूर्य और चंद्रमा का तुला राशि में समान अंश पर संयोग शाम 6:17 पर बन रहा है। इस दिन सूर्य 15 डिग्री और चंद्रमा 15 डिग्री पर रहेंगे। इसके चलते इसी दिन दीपावली पर्व इस दिन शास्त्र सम्मत है।
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छह दिनों का दीपोत्सव

ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि पांच दिनों का दीपावली महापर्व इस वर्ष छह दिनों का होगा। इस बार दीपावली महापर्व की शुरुआत 29 अक्टूबर को धनतेरस से होगी। 30 अक्टूबर को हनुमान जयंती होगी। छोटी दीपावली या रूप चौदस 31 अक्टूबर को होगी। और दीपावली 1 नवंबर 2024, अन्नकूट व गोवर्धन पूजा 2 नवंबर 2024 और भैयादूज 3 नवंबर 2024 के साथ ही इस महापर्व का सामापन हो जाएगा।

दीपोत्सव कैलेंडर (Diwali Calendar 2024)

मंगलवार 29 अक्टूबर 2024 : धनतेरस (धन-त्रयोदशी) धनतेरस के निमित्त सायंकाल यम-दीपदान,
बुधवार 30 अक्टूबर 2024 : नरक व रूप चतुर्दशी के निमित्त सायं दीपदान , श्री हनुमान जयंती
गुरुवार 31 अक्टूबर 2024 : नरक व रूप चतुर्दशी, प्रभात स्नान, अभ्यंग स्नान
शुक्रवार 01 नवम्बर 2024 : दीपावली, श्रीमहालक्ष्मी पूजन, देव-पितृ अमावस्या
शनिवार 02 नवम्बर 2024 :- अन्नकूट, गोवर्धन पूजा
रविवार 03 नवम्बर 2024 :- भैया दोज (भाई-दूज)

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