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Astrology : फिर रफ्तार में आ रहा है कोरोना, ग्रहों की बदलती स्थिति के बीच 2022 में मिलेगा इसका सही इलाज!

: अभी नहीं मिलेगी राहत, इस साल 2021 में घटता-बढ़ता रहेगा संक्रमण…

Mar 22, 2021 / 02:24 pm

दीपेश तिवारी

Corona is gaining momentum again due to new equation of astro planets

2020 में आए कोरोना के संक्रमण में देश के आर्थिक विकास को काफी बुरी तरह से प्रभावित किया। इसके बाद साल 2021 के शुरुआती माह में इसकी रफ्तार कम होने से देश दुनिया के लोगों ने कुछ हद तक राहत की सांस ली। लेकिन ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि एक बार फिर कोरोना का जल्द ही विकराल रूप देखने को मिल सकता है।

दरअसल ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि वैसे तो कोरोना को साल 2020 के आखिरी सूर्य ग्रहण के बाद ही कमजोर पड़ जाना चाहिए था, लेकिन कुछ ग्रहों द्वारा अंतिम समय में चाल में परिवर्तन कर लिए जाने से ऐसा नहीं हो सका। जिसके कारण आज भी कोरोना देश दुनिया में फिर से कहर ढ़हाने के लिए तैयार है। ऐसे में जैसे ही उसे एक बार फिर ग्रहों का साथ मिलेगा ये एक बार फिर देश दुनिया को अपनी चपेट में ले सकता है।

ज्योतिष के जानकार डीएस शास्त्री के अनुसार 2021 में एक बार फिर कोरोना का कहर देखने को मिल सकता है, जिसका इशारा ग्रहों की ओर से मिलता दिख रहा है। उनके अनुसार गर्मी के मौसम में कोरोना ग्रहों की शह पर एक बार फिर उभरता दिख रहा है।

मुमकिन है कि यह करीब नवंबर 2021 तक मजबूत स्थिति में बना रहे। लेकिन इस दौरान बीच बीच में यह कमजोर भी अन्य ग्रहों की स्थिति के चलते होता रहेगा यानि कभी मजबूत कभी कमजोर…

जहां तक इसकी स्थिति काफी कमजोर होने की बात है तो यह समय 2022 में आ सकता है।

वहीं इस हिंदू नववर्ष का राजा और मंत्री दोनों मंगल है वहीं ज्योतिष में राहु और केतु दोनों को संक्रमण (बैक्टीरिया, वायरस) इंफेक्शन से होने वाली सभी बीमारियों और छिपी हुई बीमारियों का ग्रह माना गया है। ऐसे में कोरोना को भी राहु जनित माना जा रहा है।

लेकिन इस नवसंवत्सर में मंगल की उपस्थिति में राहु का दमन होना तो तय है, परंतु इसके बावजूद राहु का अपने गुरु की राशि में होना उसे कुछ हद तक फायदा देगा, यही कारण है कि साल 2021 के अंत तक कोरोना से राहत तो मिलेगी, लेकिन ये अत्यधिक कमजोर पड़ता नहीं दिख रहा है।

दरअसल कुछ जानकारों के अनुसार जहां इस रोग को राहु ने उपजाया वहीं केतु ने भी साथ देते हुए इसे तेजी से फैला दिया। जिसके कारण ये कंट्रोल में नहीं रहा।

वहीं दूसरी ओर अन्य कई जानकारों की मानें तो बृहस्पति जीव और जीवन का कारक ग्रह है जो हम सभी व्यक्तियों का प्रतिनिनधित्व करता है इसलिए जब भी बृहस्पति और राहु या बृहस्पति और केतु का योग होता है, तब ऐसे समय में संक्रामक रोग और ऐसी बीमारिया फैलती हैं, जिन्हें चिहि्नत करना अथवा समाधान कर पाना बहुत मुश्किल होता है।

पर इसमें भी खास बात ये है कि राहु के द्वारा होने वाली बीमारियों का समाधान आसानी से मिल जाता है, लेकिन केतु को एक गूढ़ और रहस्यवादी ग्रह माना गया है इसलिए जब भी बृहस्पति और केतु का योग होता है तो ऐसे में इस तरह के रहस्मयी संक्रामक रोग सामने आते हैं, जिनका समाधान आसानी से नहीं मिल पाता और ऐसा ही हो रहा है इस समय कोरोना वायरस के मामले में…

कई जानकारों का मानना है कि नवम्बर 2019 में बृहस्पति-केतु का योग बनने के बाद ही कोरोना वायरस तेजी से एक्टिव होकर फैला। इसके बाद एक और नकारात्मक ग्रहस्थिति बनी जो था 26 दिसंबर को होने वाला सूर्य-ग्रहण जिसने कोरोना वायरस को एक महामारी के रूप में बदल दिया।

26 दिसंबर को हुआ सूर्य ग्रहण सामान्य नहीं था क्योंकि इस सूर्य ग्रहण के दिन छःग्रहों के (सूर्य, चन्द्रमा, शनि बुध बृहस्पति, केतु) एकसाथ होने से ष्ठग्रही योग बन रहा था, जिससे ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव बहुत तीव्र हो गया था।

जबकि भारत में इसका प्रभाव सीएए और एनआरसी के विरोध-प्रदर्शनों में की गयी हिंसा के रूप में दिखा। साथ ही कोरोना वायरस के मामले भी बढ़ते गए। कुल मिलाकर नवम्बर में केतु-बृहस्पति का योग बनने पर कोरोना वायरस सामने आया और 26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण के बाद इसने एक बड़ी महामारी का रूप धारण कर लिया था।

वर्तमान में भी देश के कई प्रदेशों में कोरोना ने अपनी रफ्तार बढ़ा ली है। ऐसे में एक बार फिर देश में लॉकडाउन का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। जिसके संबंध में ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि अभी कुछ समय बाद यानि 23 मार्च के बाद ग्रहों के नए समीकरण के चलते कोरोना पर कुछ कढ़ी स्थिति सामने आ सकती है, लेकिन इसके करीब एक-दो माह बाद कोरोना पुन: रफ्तार पकड़नी शुरु कर सकता है।

कोरोना के कमजोर पड़ने व कभी मजबूत होने की ये स्थिति नवंबर 2021 तक लगातार समाने आती ही रहने का अनुमान है। ऐसे में उचित होगा हम अपने बचाव के लिए पूरी तैयारी रखें, यानि मास्क का उपयोग करने के साथ ही साफ सफाई के अलावा लगातार हाथ धोते रहें। साथ ही हिंदू नव वर्ष में इस साल के राजा व मंत्री मंगल हैं, जो राहु व राक्षस ग्रहों के परम शत्रु भी है और जिनके कारक देव स्वयं हनुमान हैं ऐसे में जितना हो सके राम के नाम का जाप करने से लाभ मिलने की संभावना है।

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