-यदि आप पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या कै प्रकोप चल रहा है तो इस दिन शनि रक्षा स्त्रोत का विधिवत पाठ करें। इसके अलावा इस दिन दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करना भी शुभ माना जाता है।
-इस दिन शनि मंदिर जाएं और शनिदेव की विधिविधान पूजा करें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पूजा के दौरान कभी भी शनिदेव की आंखों में न देखें।
-शनि देव को इस दिन सरसों का तेल, काला तिल, धूप, दीप आदि अर्पित करें।
-इस दिन शनि चालीसा का पाठ जरूर करें। अगर संभव हो तो इस पाठ को शनि मंदिर में जाकर करें। इससे भी शनि की ढैया और साढ़ेसाती से राहत मिलने की मान्यता है।
-इस दिन शनि देव की पूजा करने के बाद गरीबों को शनिदेव से संबंधित चीजों का दान जरूर करें।
-शनिचरी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ में जल जरूर अर्पित करें और पेड़ के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इस उपाय से शनिदेव और पितरों दोनों का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।
-इस दिन कौवों को भोजन जरूर कराएं। ऐसा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलने के साथ-साथ पितृ भी प्रसन्न होते हैं।