आस पड़ोस में शादी ब्याह का पता ही अक्सर बैंड बाजों और गानों की आवाज से चलता है। बारात भी तडक़ते व भडक़ते गानों के बिना अधूरी सी लगती है। पहले के जमाने में भी हर अवसर के लिए निश्चित गानें होते थे वैसे ही आज भी नए गानों की सूची तैयार कर ली जाती है। नए ट्रेंड की बात करें तो हाल ही रिलीज हो रही बॉलीवुड फिल्मों में ऐसे गानों को शामिल किया जाता है जिन्हें किसी न किसी समारोह के लिए चुना जा सके। महिला संगीत, हल्दी रस्म आदि में भी डीजे की फरमाइश की जाती है। ताकि आए गए मेहमानों के अलावा दोस्तों के साथ मस्ती मजाक किया जाए।
गायकों की भी होती है बुकिंग
नए ट्रेंड की बात करें तो आजकल गानों का चयन करने से लेकर सूची तैयार करना और म्यूजिक सिस्टम के बारे में सोचने का समय कम ही लोगों के पास होता है। ऐसे में ऐसे लोगों को हायर किया जाता है जो शादियों में गाना गाने से लेकर इंस्ट्रूमेंट बजाने का भी करते हैं। सामूहिक व एकल हर तरह के प्रोफेशल्स मिल सकते हैं। इनकी खास बात होती है कि ये हर मौके के अनुसार नए व पुराने हर तरह के गानों को तैयार कर लाते हैं और फरमाइश के अनुसार गाते व बजाते हैं। ये ट्रेंड प्रोफेशल्स होते हैं।
नए ट्रेंड की बात करें तो आजकल गानों का चयन करने से लेकर सूची तैयार करना और म्यूजिक सिस्टम के बारे में सोचने का समय कम ही लोगों के पास होता है। ऐसे में ऐसे लोगों को हायर किया जाता है जो शादियों में गाना गाने से लेकर इंस्ट्रूमेंट बजाने का भी करते हैं। सामूहिक व एकल हर तरह के प्रोफेशल्स मिल सकते हैं। इनकी खास बात होती है कि ये हर मौके के अनुसार नए व पुराने हर तरह के गानों को तैयार कर लाते हैं और फरमाइश के अनुसार गाते व बजाते हैं। ये ट्रेंड प्रोफेशल्स होते हैं।
मैशअप सॉन्ग की भी बढ़ रही है डिमांड
वेडिंग सीजन में नए म्यूजिक ट्रेंड में मैशअप सॉन्गस काफी सुनने में आ रहे हैं। इसमें पुराने और नए गानों को इस तरह से आपस में जोड़ा जाता है कि माहौल शादी का हो जाए और मौके के अनुसार गाना फिट हो जाए। जैसे कि विदाई के लिए बाबुल की दुआ और दिन शगना दा, को आपस में जोडक़र भावुक गाना तैयार किया जाता है। वहीं मेहंदी रस्म में मेहंदी वाले सभी गानों का मैशअप सॉन्ग तैयार कर प्ले कर दिया जाता है।
वेडिंग सीजन में नए म्यूजिक ट्रेंड में मैशअप सॉन्गस काफी सुनने में आ रहे हैं। इसमें पुराने और नए गानों को इस तरह से आपस में जोड़ा जाता है कि माहौल शादी का हो जाए और मौके के अनुसार गाना फिट हो जाए। जैसे कि विदाई के लिए बाबुल की दुआ और दिन शगना दा, को आपस में जोडक़र भावुक गाना तैयार किया जाता है। वहीं मेहंदी रस्म में मेहंदी वाले सभी गानों का मैशअप सॉन्ग तैयार कर प्ले कर दिया जाता है।
हर फ्लेवर के तरानों का होता संगम
शादी का मतलब केवल तडक़ भडक़ गानों से ही नहीं है, हर राज्य के अनुसार तो इनका चयन होता ही है। आजकल पंजाबी, राजस्थानी और रैप म्यूजिक को हर वर्ग प्ले करना पसंद कर रहा है। कई जगहों पर मेलोडी म्यूजिक भी प्ले किया जाता है जो बेहद सिंपल और सोभर महसूस कराता है। इसमें गाना तो प्ले होता है लेकिन केवल म्यूजिक के साथ। उसके बोल उसमें से गायब कर दिए जाते हैं।
शादी का मतलब केवल तडक़ भडक़ गानों से ही नहीं है, हर राज्य के अनुसार तो इनका चयन होता ही है। आजकल पंजाबी, राजस्थानी और रैप म्यूजिक को हर वर्ग प्ले करना पसंद कर रहा है। कई जगहों पर मेलोडी म्यूजिक भी प्ले किया जाता है जो बेहद सिंपल और सोभर महसूस कराता है। इसमें गाना तो प्ले होता है लेकिन केवल म्यूजिक के साथ। उसके बोल उसमें से गायब कर दिए जाते हैं।
खास बात यह है कि आजकल हर ओकेशन के लिए गाने हैं जिन्हें प्ले कर उस मौके का यादगार बनाया जा सकता है। यदि गानों का चयन नहीं कर पा रहे हैं या इस सिस्टम को अरेंज करने में दिक्कत हो रही है तो आप वेडिंग प्लानर के जिम्मे इस काम को छोड़ सकते हैं। वे अपने स्तर पर केवल गानें ही नहीं बल्कि लाइव परफॉर्मेंस तक रेडी रखते हैं। महिला संगीत के लिए रिश्तेदारों के गु्रप के अलावा दुल्हन की भी डांस परफॉर्मेंस तैयार करते हैं।