सोशल मीडिया के जमाने में वाट्सएप तथा फेसबुक पर दोस्तों के साथ लव शायरी या love quotes शेयर करते हैं। पत्रिका खास आपके लिए लाया है ऎसे ही कुछ अनमोल लव कोट्स जो लंबे जमाने से न केवल आशिकों के इश्क का इजहार कर रहे हैं वरन दिल को सुकून भी दे रहे हैं: अगर दो दिल कहीं भी मिल गए हैंजमाने को शिकायत हो गई है– शहजाद अहमदअंजाम-ए-वफा ये है जिस ने भी की मोहब्बतमरने की दुआ मांगी, जीने की सजा पाई– नुशूर वाहिदीअब तक खबर न थी कि मोहब्बत गुनाह हैअब जान कर गुनाह किए जा रहा हूं मैं– अज्ञातअब तो मिल जाओ हमें तुम कि तुम्हारी खातिरइतनी दूर आ गए दुनिया से किनारा करते– उबैदुल्लाह अलीमआगाज-ए-मोहब्बत का अंजाम बस इतना हैतब दिल में तमन्ना थी अब दिल ही तमन्ना है– जिगर मुरादाबादीइक रोज मिल गए थे सर-ए-रह-गुजर कहींफिर दिल ने बैठने न दिया उम्र भर कहीं– अज्ञातइक लफ्ज-ए-मोहब्बत का अदना ये फसाना हैसिमटे तो दिल-ए-आशिक, फैले तो जमाना है– जिगर मुरादाबादीइलाज अपना कराते फिर रहे हो जाने किस किस सेमोहब्बत कर के देखो ना मोहब्बत क्यूं नहीं करते– फरहत एहसासइश्क करता है तो फिर इश्क की तौहीन न करया तो बेहोश न हो, हो तो न फिर होश में आ– आनंद नारायण मुल्लाइश्क की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सहीदर्द कम हो या ज्यादा हो मगर हो तो सही– जलाल लखनवीइश्क ने “गालिब” निकम्मा कर दियावर्ना हम भी आदमी थे काम के– मिर्जा गालिबइश्क पर जोर नहीं है ये वो आतश “गालिब”कि लगाए न लगे और बुझान न बने– मिर्जा गालिबइश्क में जी को सब्र ओ ताब कहांउस से आंखें लड़ी तो ख्वाब कहां– मीर तकी मीरइश्क है इश्क ये मजाक नहींचंद लम्हों में फैसला न करो– सुदर्शन फाकिरऎ दोस्त मोहब्बत के सदमे तन्हा ही उठाने पड़ते हैंरहबर तो फकत इस रस्ते में दो जाम सहारा देते हैं– अब्दुल हमीद अदमकरूंगा क्या जो मोहब्ब में हो गया नाकाममुझे तो और कोई काम भी नहीं आता– गुलाम मोहम्मद कासिर“जलील” आसां नहीं आबाद करना घर मोहब्बत काये उन का काम है जो जिंदगी बर्बाद करते हैं– जलील मानिकपुरीतुम तो आता है प्यार पर गुस्सामुझ को गुस्से पे प्यार आता है– अमीर मीनाईमालूम जो होता हमें अंजाम-ए-मोहब्बतलेते न कभी भूल के हम नाम-ए-मोहब्बत– शेख इब्राहीम जौकहुस्न को शर्मसार करना हीइश्क का इंतिकाम होता है-असरार-उल-हक मजाजइसी को कहते हैं जन्नत इसी को दोजख भीवो जिंदगी जो हसीनों के दरमियाँ गुजरे– जिगर मुरादाबादीउठ गई हैं सामने से कैसी-कैसी सूरतेंरोइए किस के लिए किस किस का मातम कीजिए– हैदर अली आतिशइश्क के इजहार में हर-चंद रूस्वाई तो हैपर करूँ क्या अब तबीयत आप पर आई तो है– अकबर इलाहाबादीअपनी तबाहियों को तुझे कोई गम नहींतुम ने किसी के साथ मोहब्बत निभा तो दी– साहिर लुधियानवीकहने देती नहीं कुछ मुँह से मोहब्बत मेरीलब पे रह जाती है आ आ के शिकायत मेरी– दाग देहलवीचुप रहो तो पूछता है खैर हैलो खामोशी भी शिकायत हो गई– अख्तर अंसारी अकबराबादीतुम इसे शिकवा समझ कर किस लिए शरमा गएमुद्दतों के बाद देखा था तो आंसू आ गए– फिराक गोरखपुरीवफा जिससे की बेवफा हो गयाजिसे बुत बनाया खुदा हहो गया– हफीज जालंधरीहां हां तुम्हारे हुस्न की कोई खता नहींमैं हुस्न-ए-इत्तिफाक से दीवाना हो गया– प्यारे साहब रशीदउनको देखे से जो आ जाती है मुंह पर रौनक,वह समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है– मिर्जा गालिबहमको मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन,दिल को खुश रखने को “गालिब” ये ख्याल अच्छा है– मिर्जा गालिब