देश के सवा सौ करोड़ लोगों की उम्मीदों और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपने बजट ( Budget 2019 ) का पिटारा खोला। वैसे बजट से हर वर्ग को उम्मीदें हैं। लेकिन सबसे ज्यादा असर मिडिल क्लास पर पड़ता है। रियल एस्टेट ( real estate budget 2019 ) एक ऐसा सेक्टर है, जो न सिर्फ इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए बल्कि मिडिल क्लास के लिए भी काफी महत्वपूर्ण होता है।
पीएम मोदी के अंतिरम बजट में भी मिडिल क्लास के जरिये रियल एस्टेट में जान फूंकने की कोशिश की गई थी। इस बार भी मोदी 2 सरकार पहला बजट है ऐसे में सरकार से उम्मीद है कि वो अपने अंतरिम बजट में उठाए कदमों के साथ कुछ नए स्टैप भी ले।
बजट 2019 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन फैसलों से मिडिल क्लास को कर सकती हैं खुश रियल एस्टेट में जान फूंकने की कोशिश मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में भी रियल एस्टेट में जान फूंकने की पूरी कोशिश करेगी। पिछले अंतरिम बजट में भी सरकार ने इस दिशा में कमद बढ़ाया था। रियल एस्टेट सेक्टर को राहत देने के लिए अंतरिम बजट में दूसरा घर खरीदने पर होम बॉयर्स को टैक्स में छूट की घोषणा की गई थी।
सरकार के इस कदम के बाद लोग दूसरा घर खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा पहुंचेगा। अनसोल्ड इंवेंटरी में दो साल तक टैक्स छूट
इसके अलावा अंतरिम बजट में रियल एस्टेट सेक्टर को प्रत्यक्ष रूप से राहत दी गई है। अफोर्डेबल हाउसिंग के डेवलपमेंट में अनसोल्ड इंवेंटरी (जो नहीं बिका) पर उन्हें दो साल तक टैक्स छूट देने की बात कही गई थी।
मुमकिन है इस बार सरकार अपने इस फैसले को बरकरार रखे। आपको बता दें कि इससे पहले ये छूट एक साल तक ही मिलती थी। टैक्स रिबैट से रियल एस्टेट को फायदा सरकार ने 5 लाख तक की इनकम पर आयकर छूट देकर एक तीर से दो निशाने लगाए । एक तरफ मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिली वहीं दूसरी तरफ टैक्स में छूट बढ़ने से लोग घर खरीदने के प्रति प्रोत्साहित होते हैं।
यानी अप्रत्यक्ष रूप से टैक्स में छूट के साथ ही रियल एस्टेट सेक्टर में बूम आ सकता है। ऐसे होगा पहली बार घर खरीदने वालों की संख्या में इजाफा रियल ऐस्टेट विशेषज्ञों के मुताबिक 5 लाख तक की आय के साथ ही स्पेसिफाइड इंवेस्टमेंट ( तय निवेश ) पर 5+1.5 = 6.5 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री होने पर अब लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा होगा।
ऐसे में पति-पत्नी दोनों कमाते हैं तो 10-12 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री हो जाएगी। इससे मिड-हाउसिंग सेग्मेंट में पहली बार घर खरीदने वाले खरीदारों की संख्या में इजाफा होगा। बेहतर रिटर्न सुनिश्चित होगा
मिडिल क्लास के हाथ में ज्यादा इनकम होगी तो निश्चित रूप से उसकी बड़ी कोशिश अपना घर खरीदने की होगी। फर्स्ट बायर के साथ-साथ मोदी सरकार की दूसरा घर खरीदने पर ज्यादा छूट के बाद मिडिल क्लास घर खरीदने में खर्च करेंगे, क्योंकि इस पर बेहतर रिटर्न सुनिश्चित होगा।
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हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा मोदी सरकार ने अपने अंतरिम बजट में किराए पर टीडीएस थ्रेसहोल्ड भी बढ़ा दिया था। पहले जहां 1.8 लाख छूट थी वहीं इसे बढ़ाकर 2.4 लाख कर दिया गया था। इससे सीधे तौर पर मिडिल क्लास और छोटे टैक्सपेयर्स को फायदा मिला।
दरअसल सरकार के नोशनल रेंट को टैक्स फ्री और 2.4 लाख रुपये तक के रेंटल इनकम पर टीडीएस खत्म करने से हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा देने की कोशिश की गई। इस बार भी सरकार इस पर अपना ध्यान रखेगी।