नीमच-रतलाम खंड की लाइन क्षमता उपयोग रख-रखाव ब्लॉकों के साथ 145.6 प्रतिशत तक है। इस परियोजना मार्ग खंड पर बिना रख-रखाव ब्लॉक के भी अधिकतम क्षमता से भी कहीं अधिक माल ढुलाई यातायात हो गया है। सीमेंट कंपनियों के कैप्टिव पॉवर प्लांट के लिए मुख्य आवक माल यातायात के रूप में कोयले की ढुलाई की जाती है। दावा किया गया नीमच – चित्तौडग़ढ़ क्षेत्र में सीमेंट ग्रेड, चूना पत्थर के विशाल भंडारों की उपलब्धता होने से नए सीमेंट उद्योगों की स्थापना के कारण इस खंड पर यातायात में और बढ़ोतरी होगी। नीमच-रतलाम खंड के दोहरीकरण से इस खंड की क्षमता में बढ़ोतरी होगी। सीमेंट उद्योगों की निकटता के कारण पहले वर्ष से 5.67 मिलियन टन प्रति वर्ष की अतिरिक्त माल ढुलाई की उम्मीद है, जो 11वें वर्ष में बढकऱ 9.45 मिलियन टन प्रति वर्ष हो जाएगी।
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फिलहाल हो रहा यह
फिलहाल निर्माण विभाग योजना के लिए नक्शे बनाने का कार्य कर रहा है। इसमें नीमच से रतलाम तक के स्टेशन के पूर्व के यार्ड, सिग्नल, ट्रैक, स्टेशन विकास आदि के बारे में कहां पर क्या – क्या होगा यह बनाया जा रहा है। यह नक्शा बनने के बाद मुंबई मुख्यालय जाएगा। वहां से अगर बगैर रोक-टोक के मंजूर हो गया तो मुंबई मुख्यालय नक्शे को रेलवे बोर्ड भेजेगा। रेलवे बोर्ड ने भी अगर बगैर कोई कमी बताए इसको पास कर दिया तो पूरी प्रक्रिया में पांच से छह माह का समय लगेगा। ऐसे में 31 मार्च 2025 तक योजना पूरी होने के जो दावे हैं, उसमें कार्य पूरा हो सकेगा यह तय नहीं है।
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प्राथमिकता से बनाया जा रहा नक्शा
नीमच – रतलाम डबलीकरण कार्य के लिए प्राथमिकता से नक्शा बनाने का कार्य चल रहा है। यह जल्दी बनकर तैयार होगा व मंजूरी के लिए मुंबई मुख्यालय जाएगा। इसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी।
– खेमराज मीणा, मंडल रेल प्रवक्ता
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